वर्ष 2018 का माघ मेला शुरू प्रारम्भ हो चुका है. इलाहाबाद में लगभग 75 लाख श्रद्धालु इस पावन अवसर पर आये है. एक माह तक चलने वाला ये मेला पर्व देश-विदेश में प्रसिद्ध है. हर साल माघ महीने की पहली पूर्णिमा के दिन यहां भारी संख्या में संत-महात्माओं के साथ-साथ श्रद्धालु यहां संगम में स्नान करने आते है. इस वार्षिक मेले को कल्पवास भी कहा जाता है. जिसका अर्थ होता संगम के पास बैठकर वेदों का अध्ययन करना. पौष मास की पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक मेला चलता है.
माघ पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. एक माह तक जप-तप , यज्ञ और धार्मिक अनुष्ठान चलते है. पूरे महीने चलने वाले इस मेले में 6 प्रमुख पर्व होंगे- 2 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरूआत होने के बाद, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 16 जनवरी को अमावस्या, 22 जनवरी को बसंत पूर्णिमा और 31 जनवरी को माघ पूर्णिमा को यह 5 पर्व मनाएं जाएंगे. लेकिन 13 फरवरी को आने वाली महाशिवरात्रि के दिन भी यहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं.
माघ मेला में पूजा की विधि बड़ी विशेष है . पूजा की शुरुआत में माघ पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले नदी में स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा के साथ गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों दान में तिल और काले तिल के अलावा भोजन सामग्री वस्त्र इत्यादि दिए जाते है.
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