भारतीय समाज में शुभ-अशुभ का सिलसिला तो आदिकाल से चले आ रहा है। हर छोटी-छोटी चीजों में शुभ-अशुभ को ढूंढा जाता है। लेकिन देखा जाए तो कुछ बातें इनमें से अंधविश्वासी भी होती है। बिना तर्क के ही चीजों को शुभ-अशुभ का दर्जा दिया जाने लगता है। हिन्दू धर्म में सदियों से शुभ-अशुभ को मान्यता मिलती आ रही है। देखा जाये तो आपके घर के आस-पास रहने वाले पशु-पक्षी भी आपके जीवन में शुभ अशुभ को निर्धारित करते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उल्लु भी मानव जीवन के शुभ अशुभ को निर्धारित करता है। तो चलिए देखते हैं कि किस प्रकार से उल्लू हमारे जीवन को प्रभावित करता है।
यदि कोई उल्लू किसी के घर पर बैठना प्रारंभ कर दे, तो वह घर शीघ्र ही उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है। दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज को मृत्युसूचक कहा जाता है। चीन में उल्लू दिखाई देने पर पड़ोसी की मृत्यु का सूचक मानते हैं।
यदि उल्लू रात में यात्रा कर रहे व्यक्ति को होम-होम की आवाज करता मिले तो शुभ फल मिलता है, क्योंकि इसी प्रकार की ध्वनि यदि वह फिर करता है तो उसकी इच्छा रमण करने की होती है।
अगर किसी घर के दरवाजे पर उल्लू तीन दिन तक लगातार रोता है, तो उसके घर में चोरी अथवा डकैती होने की संभावना अधिक रहती है। अथवा उसे किसी न किसी रूप में धन की हानि अवश्य होती है।
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