पौराणिक काल से ही मंत्रो को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिनमे व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने की अद्भुत शक्ति होती है. लेकिन किसी भी मंत्र का उच्चारण करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है, की आपके द्वारा उस मंत्र के शब्दों का उच्चारण सही रूप से किया जा रहा हो. क्योंकि मंत्रों का सही उच्चारण ही आपको शुभ फल प्रदान करा सकता है.
हमारे विभिन्न शास्त्रों में ॐ शब्द का उच्चारण बहुत महत्वपूर्ण माना गया है तथा ॐ एक शब्द का मंत्र है, जिसमे ब्रम्हाण्ड की समस्त शक्तियां समाहित हैं. इसी कारण यदि किसी मंत्र के प्रारम्भ में ॐ शब्द लगा दिया जाता है, तो उस मंत्र की शक्ति में कई गुना वृद्धि हो जाती है. शास्त्रों में ॐ को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चारों को पुरुषार्थों का प्रदाता बताया गया है.
ॐ का जाप करने से व्यक्ति में नवचेतना की जागृति होती है व उसके सभी संताप दूर हो जाते हैं. जिस स्थान पर अक्सर मंत्रो का जाप होता रहता है, उस स्थान पर कभी कोई नकारात्मक ऊर्जा निवास नहीं करती है. ॐ का उच्चारण व्यक्ति के उच्च रक्तचाप व ह्रदय संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक होता है.
यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन सूर्योदय व सूर्यास्त के समय पीले वस्त्र धारण कर व पीले आसन पर बैठकर ॐ का ध्यान करता है, तो उसके जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं. ॐ का जाप व्यक्ति के बहुत से रोगों को आसानी से दूर कर देता है. अपने घर में नियमित रूप से ॐ का उच्चारण गृह क्लेश को दूर करता है. शनिवार के दिन सफ़ेद वस्त्र धारण कर पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर ॐ का जाप करने से व्यक्ति को शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
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