नई दिल्ली: ऑटो इंडस्ट्रीज में कारों की लम्बाई का महत्व बढ़ता नज़र आ रहा है. इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारों का दबदबा है. साल 2017 में बिकने वाली कारों में सब-4 मीटर लंबाई वाली गाड़ियों की सेल सबसे ज्यादा रही है. ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च कंपनी जाटो डायनैमिक के मुताबिक, 2017 में बिकने वाली 76 फीसदी कारें सब-4 मीटर लंबाई वाली हैं. वहीं, 4 मीटर से ज्यादा लंबाई वाली कारों की सेल्स 24 फीसदी है. रिपोर्ट में हुए ये भी खुलासें-
-भारत में कॉम्पैक्ट स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की डिमांड बढ़ने की वजह से इसका मार्केट शेयर बढ़ा है
-सब-4 मीटर वाली कारों पर ऑटोमोबाइल कंपनियों का फोकस लगातार बढ़ रहा है
-इसके पीछे कस्टमर्स की बदलती पंसद के साथ-साथ कंपनियों की ओर से कम लागत पर ज्यादा आकर्षक और ज्यादा फीचर्स को पेश करना है
-कंपनियों को सब-4 मीटर की कार बनाने पर टैक्स का भी फायदा मिलता है
-4 मीटर से ज्यादा लंबाई होने पर कार कंपनियों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाता है
-एसयूवी में 'कॉम्पैक्ट' का फॉर्मूंला हुआ हिट
-सब-4 मीटर एसयूवी में विटारा ब्रीजा, फोर्ड ईकोस्पोर्ट, महिंद्रा बोलेरो जैसी कारों की डिमांड भारत में हर महीने बढ़ती जा रही है
-विटारा ब्रीजा देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली एसयूवी है
-मारुति सुजुकी ने फरवरी 2018 में 11,620 यूनिट्स को बेचा
-इसकी सेल्स में सालाना आधार पर 15.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है
-फोर्ड ईकोस्पोर्ट की सेल्स फरवरी 2018 में 5,438 यूनिट्स रही और इसकी सेल्स में 19.2 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई
-होंडा की डब्ल्यूआर-वी की सेल्स 900 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई है, कंपनी ने फरवरी में इसकी 3,364 यूनिट्स को बेचा है
-रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2017 में बिकने वाली कारों में 38 फीसदी हिस्सेदारी हैचबैक सेगमेंट की है
-दूसरी बॉडी टाइप वाली कारों की हिस्सेदारी 62 फीसदी है
-फरवरी 2018 के आंकड़ों को देखेंगे तो हैचबैक का मार्केट शेयर 50 फीसदी पर दोबारा लौट आया है जोकि जनवरी में 48 फीसदी पर था
-ऐसा मारुति सुजुकी की ओर से पेश की गई नई स्विफ्ट और ह्युंडई की नई एलिट आई20 की वजह से हुआ है.
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