रविवार को भारत ने निदहास ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया मगर इस मैच के बाद ऑलराउंडर विजय शंकर को दबाव में अच्छा न खेल पाने का मलाल था. बकौल विजय उस रात वह लगातार सोचते रहे कि अगर डीके (दिनेश कार्तिक) ने वह छक्का न मारा होता और हम हार गए होते, तो क्या हुआ होता..? मैंने इतने डॉट बॉल न खेले होते, तो हम आसानी से जीत गए होते..? मैं मैच जीतने के लिए उनका आभारी हूं, लेकिन बहुत दुखी भी कि मैंने अपने बल्ले से मैच जीतने का अच्छा मौका गंवा दिया' मैच खत्म होने के बाद तमिलनाडु के इस क्रिकेटर ने खुद को होटल के कमरे में बंद कर लिया था. मैच के बाद इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया, 'मैं बहुत परेशान था और होटल पहुंचते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया.' लेकिन वो दिनेश कार्तिक ही थे, जिन्होंने नॉक कर कमरा खुलवाया और मेरा हौसला बढ़ाया और धैर्य रखने की सलाह दी.' सीरीज के दौरान भारतीय टीम कोलंबो के मोवेनपिक होटल में ठहरी थी.
विजय शंकर ने कहा, 'कार्तिक ने मेरा मनोबल बढ़ाया, जिससे मैं इस रात सुकून से सो पाया. दरअसल, विजय शंकर ने मैच के 18वें ओवर में मुस्ताफिजुर रहमान के ओवर में लगातार डॉट बॉल खेल थे, जिससे भारत के लिए लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल हो गया था. आखिरकार दिनेश कार्तिक 8 गेंदों में 29 रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में कामयाब हुए थे. इंटरव्यू के दौरान कार्तिक ने विजय शंकर का बचाव किया, जो मुस्ताफिजुर रहमान की धीमी गेंदों को समझने में नाकाम रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘विजय शंकर के पास कौशल है. उसने गेंदबाज के रूप में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया. जो बल्लेबाजी ऑलराउंडर हो, उसने दबाव में अच्छा खेल दिखाया.'
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