माँ दुर्गा की आराधना हम अनेकों तरह से कर सकते है, यह तो हमारे मन के भावों की ही महत्वता है। इसीलिए कहा गया है कि शक्ति से ही भक्ति है आप भिन्न-भिन्न तरह से माँ की आराधना कर सकते है, जैसे एक ज्योति जलाकर माँ का ध्यान , दुर्गा पाठ, माँ के स्थान को स्वक्छ रखना जिससे जिस रूप में माँ की सेवा बने वह उस प्रकार से कर सकता है। माँ आपकी अवश्य सुनेगी। इसी के चलते कुछ विशेष मंत्र है। जिनका जाप करने से आपकी हर एक विपत्त्ति टल जाएगी। जीवन मे उन्नति व सुख संव्रधी आएगी। यदि आप इन मंत्रो का जाप कर सकते है।तो इन नौ दिनों में नित्य नियम के साथ अवश्य रूप से करें ।
माँ दुर्गा सप्तशती एवं श्रीमद् देवी भागवत के मूल खंड में देवी के नौ स्वरूपों की विस्तृत रूप से व्याख्या की गई है। वैसे तो आपको चाहिए की दुर्गा सप्तशती पाठ का नित्य नियम से नौ दिनों तक अध्ययन करें। पर किसी कारण आप नहीं कर पा रहे हे तो कोई बात नहीं पर यदि आप इन मंत्रो का जाप करते है तो भी आपकी हर कामना पूर्ण होगी ।
माता के इन नौ रूपों में प्रत्येक रूप के लिए एकाक्षरी मंत्र का प्रयोग अति उत्तम माना गया है। मां की आराधना के लिये इस विशेष पर्व पर उपासकों को नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना एकाक्षरी मंत्र से करने पर शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसा करने से समस्त बाधा, कष्ट क्लेश व विपति का नाश होता है तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माँ की आराधना के ये एकाक्षरी मंत्र इस प्रकार है-
ॐ शैल पुत्र्यैय नमः
ॐ ब्रह्मचारिण्यै नम:
ॐ चन्द्रघंटेति नम:
ॐ कुष्मांडैय नम:
ॐ स्कंदमातैय नम:
ॐ कात्यायनी नम:
ॐ कालरात्रैय नम:
ॐ महागौरेय नम:
ॐ सिद्धिदात्रैय नम:
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