मृत्यु इस संसार का अटल सत्य है जिसे स्वयं ईश्वर भी नहीं बदल सकते. जिसने इस संसार में जन्म लिया है उसे एक दिन मृत्यु अवश्य प्राप्त होती है किन्तु उस जीव की मृत्यु केवल उसके शरीर से उसकी आत्मा को अलग करती है. आत्मा तो अमर होती है जो नया शरीर धारण कर पुनः इस संसार में जन्म लेती है.
शास्त्रों एवं पुराणों में बताया गया है कि मनुष्य अपनी मृत्यु के पश्चात अपने कर्मो के अनुसार आगे की यात्रा करता है. यदि उसके कर्म अच्छे होते है तो वह स्वर्ग जाता है किन्तु यदि उसके कर्म बुरे होते है तो वह उसका फल भोगने नर्क जाता है.
हमारे शास्त्रों में ऐसे तीन उपायों के बारे में बताया गया है की यदि किसी की मृत्यु के समय इन उपायों को अपनाया जाता है तो उस व्यक्ति जिसकी मृत्यु होने वाली होती है उसे यमदूत नर्क नहीं ले जाते है. इतना ही नहीं उस व्यक्ति को मृत्यु के उपरान्त होने वाले कष्ट से भी मुक्ति मिलती है. आइये जानते है उन तीन उपायों के बारे में जो मृत्यु के समय व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति प्रदान करते है.
तुलसी की पत्ती
पुराणों के अनुसार तुलसी भगवान् विष्णु को अत्यधिक प्रिय है तथा यह भगवान् विष्णु के सिर पर शोभायमान है. यदि मृत्यु के समय यह उस व्यक्ति के पास है जिसकी मृत्यु होने वाली है तो उसकी मुक्ति की राह सरल हो जाती है तथा यदि तुलसी का पौधा या उसकी पत्ती मृत्यु के समय व्यक्ति के सिर के समीप हो तो उस व्यक्ति को यमदूत का डर नहीं रहता.
गंगा जल
गंगा जल पवित्रता की निशानी है यदि यह मृत्यु के समय उस व्यक्ति के मुख में और सिर के पास होता है तो उस व्यक्ति का मन एवं शरीर शुद्ध हो जाता है जिससे उसे नर्क में यातनाएं नहीं भोगना पड़ता है.
गीता का पाठ
मृत्यु के समय यदि व्यक्ति के कानों में गीता पाठ सुनाया जाता है तो उसे सभी प्रकार के मोह से मुक्ति मिलती है और उसकी आत्मा बिना किसी कष्ट के उसके शरीर से अलग हो जाती है.
ऐसे घरों में कभी नहीं छाते है दुःख के बादल
अब आखें बताएंगी लोगो का व्यक्तित्व
रसोई घर में भूलकर भी न करें ये कार्य वरना....