भारत देश में ऐसे बहुत से खूबसूरत मंदिर हैं जो अपनी खासियत और खूबसूरती के लिए जाने जाते है, पर आज हम एक ऐसी दरगाह के बारे में आपको बताने जा रहें है जो समुद्र के बीचो बीच पानी के ऊपर बनी हुई है. ये दरगाह पानी के ऊपर बनी होने के कारण हमेशा से ही लोगों के आस्था और जिज्ञासा का केंद्र रही है.
ये दरगाह है हाजी अली की जो मुंबई में वर्ली तट के नज़दीक मौजूद एक छोटे से टापू पर बनी हुई है. इस दरगाह में महिलाएं और लडकियां प्रवेश नहीं कर सकती हैं. इस दरगाह में मुस्लिम के साथ-साथ हिन्दु भी आकर अपनी दुआओं के पूरा होने की मन्नत मांगते हैं.
ये दरगाह जमीन से 500 गज दूरी पर समुद्र के ऊपर बनी है पर कभी भी इस दरगाह के आस-पास पानी का बहाव इतना तेज नहीं होता है की दरगाह को कोई नुकसान हो, इस दरगाह को देखने के लिए टूरिस्टों को 500 गज लंबे रास्ते से होकर गुज़ारना पड़ता है.
इस दरगाह में एक मीनार बनी है जिसकी ऊंचाई 85 फीट है और ये दरगाह करीब 4500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, इस दरगाह की दीवारों को बनवाने के लिए सफ़ेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. लोगो का ऐसा मानना है की जब हाजी अली व्यापार के लिए अपनी मां से इजाजत लेकर अपने घर से निकले थे तो इसी टापू पर रूके थे.
जब लोगों का भला करने के हाजी अली पहली बार हज यात्रा पर गए और तभी उनकी मृत्यु हो गई. उनकी आखिरी ख्वाहिश ये थी की उनका शव अरब सागर में बहा दिया जाये. और इसीलिए उनके शव को समुद्र में बहा दिया गया था, और फिर उनका शव तैरते-तैरते यहां तक पहुंच गया.
रात के समय ये दरगाह बहुत खूबसूरत दिखाई देती है, यहाँ पर रंग-बिंरगी लाइट्स के बीच इस दरगाह का नज़ारा देखने लायक होता है.
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