समस्तीपुर: देश में, राज्यों में, शहरी क्षेत्रों में हर जगह शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा हैं. हालात ये रहते है, कि पढ़ाई के लिए सुविधा भी उचित नहीं हैं. कई क्षेत्रों में तो न चार दीवारी हैं, न बच्चे आते है, और न ही बच्चों को शिक्षा का पाठ पढाने वाले शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. प्रखंड के राजकीय कृत उच्च विद्यालय राघोपुर में प्रधानाध्यापक को पठन - पाठन की व्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से इस प्रकार संचालित करने पड़ रहे हैं कि इसके बारे में सुनकर हर कोई भौंचक्का रह जाएगा.
इस विद्यालय में 3 दिन छात्रों की पढाई होती हैं, तो वही 3 दिन छात्राओं के लिए क्लास लगती हैं. सोमवार, मंगलवार और बुधवार तीन दिन छात्राओं के लिए तथा गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को छात्रों के लिए विद्यालय संचालित होता है. यह सबसे बड़ी समस्या है, इसके अलावा भी विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्या से जूझना पड़ता हैं. आवश्यक विषयो के शिक्षकों की कमी की मार को विद्यार्थितों समेत उनके अभिभावकों को झेलनी पड़ रही है. विद्यालय में छत के बने कुल तीन कमरे हैं. एक कमरे में ऑफिस है, दूसरे कमरे में कंप्यूटर और तीसरे कमरे में स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाता है. इस विद्यालय में नौवीं कक्षा में नामांकित छात्रों की संख्या 272 और छात्राओं की संख्या 301 है. जबकि दसवीं कक्षा में नामांकित छात्रों की संख्या 321 और छात्राओं की संख्या 353 है. इस प्रकार विद्यालय में कुल 1247 बच्चे नामांकित हैं.
अधिकारियों ने बताया...
प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने कहा कि बच्चों के भविष्य का सवाल है. यह गंभीर मसला है. वे खुद इस विद्यालय पहुंचकर सारी जानकारी प्राप्त करेंगे. वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद वरीय पदाधिकारी को वे उचित कार्रवाई के लिये आग्रह करेंगे. वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि एचएम की ओर से कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है. यदि लिखित में कुछ दिया जाता है कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों को इससे अवगत कराया जाए.
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