हर इंसान का शरीर पंचतत्वों से बना हुआ है और मरने के बाद वह इन्ही पंच तत्वों में मिल जाता है। मानव शरीर में हर रोज कई क्रियाएं होती रहती हैं। जिनमें से कुछ अलग क्रियाएं ये भी है कि कभी मनुष्य को खुजली तो कभी अचानक अंगों का फड़फड़ाना। जी हां अंगो का फड़फड़ाना मतलब मनुष्य को इसका एहसास तो होता है कि उसका कोई अंग अपने आप ही काम कर रहा है। जिस आमतौर पर फड़फड़ाना कहते है। यह क्रिया हर मनुष्य के साथ हो सकती है। हो सकता है कि आपके साथ भी कभी न कभी होती हो। दरअसल आज हम आपको इन्ही अंगो के फड़फड़ाने सम्बिधत कुछ बातें बताने जा रहें है जो कि शास़्त्रों के द्वारा बतायी गयी है। जी हां आज यहां पर हम जानेंगे कि अंगो का ऐसे अचानक से फड़फड़ाना किस चीज का संकेत होता है। तो चलिए जानते है कौन सी वह बातें हैं।
समुद्र शास्त्र के अनुसार पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है, यानि उनके बाएं हिस्से के फड़कने में खुशखबरी और दाएं हिस्से के फड़कने पर बुरी खबर सुनाई दे सकती है।
अगर व्यक्ति की दाईं आंख फड़कती है तो यह इस बात का संकेत है कि उसकी सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं और अगर उसकी बाईं आंख में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई अच्छी खबर मिल सकती है। लेकिन अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी की तरफ इशारा करती है।
दांया कन्धा फड़कता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको अत्याधिक धन लाभ होने वाला है। वहीं बाएं कंधे के फड़कने का संबंध जल्द ही मिलने वाली सफलता से है। परंतु अगर आपके दोनों कंधे एक साथ फड़कते हैं तो यह किसी के साथ आपकी बड़ी लड़ाई को दर्शाता है।
दाई कोहनी फड़कती है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि भविष्य में आपकी किसी से साथ बड़ी लड़ाई होने वाली है। लेकिन अगर बाईं कोहनी में फड़कन होती है तो यह बताता है कि समाज में आपकी प्रतिष्ठा और ओहदा बढ़ने वाला है।
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