गौतम बुद्ध को सभी जानते है जो जैन धर्म के अनुयायी माने जाते है जिन्होंने ज्ञान की खोज में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया. आज हम भगवान् गौतम बुद्ध से सम्बंधित प्रेरक कथा आपको बताने वाले है आइये जानते है इस कथा से हमें क्या सीख मिलती है. एक बार गौतम बुद्ध के पास एक बालक ने आकर उनसे कहा की कृपा का आप मुझे अपना शिष्य बना लीजिये मुझे आपसे बहुत सी ज्ञान की बातें सीखना है बुद्ध ने उस बालक को प्रेम से देखकर कहा की पुत्र यदि तुम मुझसे शिक्षा प्राप्त करना चाहते हो तो आज से दस दिन बाद तुम मेरे पास आना.
जब दस दिन बाद पुनः वह बालक उनके पास आया तब गौतम बुद्ध ने अपनी वही बात फिर से उस बालक से कही यह सिलसिला कई महीनों तक चला आखिर में उस बालक का सब्र टूट गया और उसने गौतम बुद्ध से कहा की आप मुझे हर बार यही कहकर टाल देते है की दस दिन बाद आना कृपा कर मुझे शिक्षा प्रदान करें.
तब गौतम बुद्ध ने मुस्कुराकर उस बालक से कहा कि जाओ और एक गिलास में पानी लेकर आओ गौतम बुद्ध की बात सुनकर उनकी आज्ञा से उस बालक ने उनके लिए एक गिलास पानी लेकर आया गौतम बुद्ध नि उससे पुनः एक गिलास पानी लाने के लिए कहा जब उस बालक ने पुनः पानी लेकर आया तब गौतम बुद्ध ने उस बालक से कहा कि इस गिलास के पानी को उस दूसरे गिलास में डाल दो इस बात को सुनकर उस बालक ने गौतम बुद्ध से कहा की यह गिलास तो पहलेसेही भरा हुआ है और यदि मेने इसमें पुनः पानी डाला तो यह गिलास के बाहर गिर जाएगा.
तब गौतम बुद्ध ने उस बालक को समझाते हुए कहा कि पुत्र में तुम्हे यही बात समझाना चाहता हूं की जो चीज पहले से ही भरी है उसमे कोई दूसरी चीज कैसे समा सकती है इसी प्रकार मनुष्य भी है उसे कुछ नया सीखने के लिए पुराने ज्ञान को खाली करना पड़ता है.
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