आप सभी को बता दें कि शारदीय नवरात्र इस बार दस अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे हैं और नवरात्रों का समापन 18 अक्टूबर को होगा इसी के साथ 19 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. आप सभी को बता दें कि द्वितीय नवरात्र प्रथम नवरात्र के साथ ही बुधवार को पड़ रही है और एक नवरात्र कम होने के बावजूद नवरात्र के नौ ही दिन पड़ने वाले हैं. जी हाँ, यह बहुत शुभ है इसी के साथ अश्विन शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र के आने पर अनेक प्रकार के चंडी यज्ञ भी आयोजित होने वाले है और इनकी तैयारियां अभी से शुरु कर दी गईं हैं.
आपको यह भी बता दें कि इस बार के नवरात्र इसलिए और भी ख़ास होने वाले हैं क्योंकि इनका शुभारंभ चित्रा नक्षत्र में हो रहा है और महानवमी का आगमन श्रवण नक्षत्र में होगा, इस दिन ध्वज योग बताया जा रहा है और इस बार के शारदीय नवरात्र सभी देश वासियों के बहुत शुभ होने की बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि प्रथम नवरात्र के दिन घट स्थापना दोपहर के समय होगी वहीं देवी भागवत के पाठ करने वाले श्रद्धालु इस दिन दो पाठ करेंगे. इसी के साथ दूसरा नवरात्र भी प्रथम नवरात्र के साथ मना लिया जाएगा और इसी प्रकार सष्टम नवरात्र 14 और 15 दोनों दिन विद्यमान रहेगा.
ज्योतिषों का कहना है कि 15 अक्टूबर को सरस्वती आह्वाहन किया जाएगा और नवरात्र के दौरान 16 अक्टूबर को शुक्रास्त हो जाएगा. वहीं 17 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी के दिन होगा और इस दिन घर-घर कन्याएं भोजन के लिए जाएंगी. इसके बाद अपराजिता पूजन दशहरे के दिन पड़ेगा और शारदीय नवरात्र के साथ-साथ भगवान राम की रामलीलाएं भी शुरू होंगी.
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