तीन साल बाद देश में बैंक का अस्तित्व ख़त्म - निति आयोग

तीन साल बाद देश में बैंक का अस्तित्व ख़त्म - निति आयोग
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दिल्लीः डिजिटल इंडिया की रफ़्तार किस तरह बढ़ रही है इसका खुलासा निति आयोग की एक रिपोर्ट कर रही है. रिपोर्ट में देश में बढ़ते इंटरनेट यूजर और बैंकिंग सेक्टर में इंटरनेट के वर्चस्व के सम्बन्ध में डेटा पेश किये गए है. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि ''तीन साल बाद लोगों को वित्तीय काम के लिए बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं होगी. यही नहीं इनका अस्तित्व भी नहीं होगा.''

यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र देश है, जहां एक अरब से अधिक लोगों को आधार कार्ड (बायोमेट्रिक) जारी किए गए हैं. अगले तीन साल में भारत में एक अरब से अधिक स्मार्टफोन होंगे. नीति आयोग के सीईओ ने यह भी कहा कि देश में मोबाइल डाटा खपत अमेरिका और चीन के संयुक्त डेटा खपत से अधिक है. कांत ने कहा कि ''भौतिक रूप से बैंक और उनकी शाखाओं में जाना अगले तीन साल में अप्रासंगिक हो जाएगा क्योंकि डेटा विश्लेषण से वित्तीय समावेशन को और गति मिलेगी. इसका कारण बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग तथा डेटा विश्लेषण है.''

इस दौरान परिचर्चा में भाग लेते हुए पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि ''दुनिया में नया बैंकिंग मॉडल भारत से आएगा और पेटीएम भारत मॉडल का शुरुआती उदाहरण होगा.'' 

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