उत्तराखंड के हिमालय की ऊंची छोटी पर बसा वन्यजीवन अभ्यारण्य जो गंगोत्री नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है. गंगोत्री नेशनल पार्क, बर्फीली पहाडियों, ऊंचे पर्वत, और घने जंगलो से घिरा हुआ है. गंगोत्री नेशनल पार्क 23,000 स्क्वायर किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है जो हिमालय के राष्ट्रीय उद्यान समुद्र तट से 1800 से 7000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता है, देवभूमि से मतलब होता है, देवो की भूमि. इस स्थान में प्राकृतिक सुंदरता है, उत्तराखंड में देवदार, ताड़ और रोडोडेंड्रन के घने जंगल है और उनके साथ हिमालय के ऊंचे पर्वत दिखाई देते है. ऐसे में वहां का सफर करना काफी रोमांचक भरा होता है.
इस नेशनल पार्क में पौधों, पक्षियों और जानवरों की अलग-अलग विदेशी प्रजातियां देखने को मिलेंगीं. स्नो लैपर्ड, मस्क डियर, ब्राउन बियर, ब्लू शीप जैसी कई प्रकार की प्रजाति के जानवर इस नेशनल पार्क में है.
बहुत ही खूबसूरत बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में हज़ारो लोग, वन्यजीव प्रेमी और ट्रैकर्स आते हैं. गौमुख, गंगोत्री, भोजवसा और चिरबसा जैसे कुछ कठिन ट्रैकिंग प्वांइट ट्रैकर्स के बीच बहुत मशहूर है.
कई नदियां तो नेशनल पार्क के अंदर भी बहती है. सर्दी के टाइम पर यह रहने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है, यहाँ बर्फ पड़ने पर 6 महीने के लिए गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाते है. गंगोत्री नेशनल पार्क जाने के लिए सबसे आसान तरीका, सबसे पहले देहरादून आये, जो गंगोत्री से 300 किमी की दूरी पर स्थित है. यह से आप टेक्सी करके आसानी से जा सकते है.
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