नई दिल्ली। संसदीय समिति ने गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए कहा सरकार से कहा है कि आने वाले समय में लंबी दूरी की बसों में टॉयलेट का इंतजाम जरूरी हो सकता है। मोटर संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए राज्यसभा सांसद विनय पी. सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली 24 सदस्यीय प्रवर समिति ने कुछ रोज पहले ही सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
समिति का कहना है कि निर्माण तकनीक उपलब्ध होने के बावजूद भारत में बहुत कम बसों में टायलेट की व्यवस्था है। इसलिए सरकार को इस दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए। वही समिति ने 'स्वच्छ भारत अभियान' का जिक्र किए बगैर सरकार से लंबी दूरी की सभी बसों में अनिवार्य रूप से टायलेट की व्यवस्था किए जाने को कहा है। समिति जरूरत से ज्यादा लंबे-चौड़े और ऊंचे (ओवरसाइज) वाहनों के ड्राइवरों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाने का पक्ष लिया है। समिति ने कुछ अन्य मामलों में भी स्पष्ट नियम बनाने को कहा हैं।
इन मामलों में बन सकते हैं नियम-
-वाहन डीलरों के कार्यव्यवहार के बारे में।
-बाइक या कार रेसिंग तथा स्टंट दिखाने वालों के बारे में।
-वाहनों में विभिन्न प्रकार के तामझाम फिट कराने के बारे में।
-शराब की जांच करने वाले ब्रेथ अल्कोहल एनलाइजर के मानकों के बारे में।
-दुपहियों पर बैठने वाले चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में।
-ओवरलोडिंग की सही जांच के लिए एक्सल लोड संबंधी तकनीकी पहलुओं की जांच के बारे में।
टाॅयलेट बने नहीं और आवंटित कर दी लाखों की रकम