अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने पीएम नरेंद्र मोदी से शुक्रवार फ़ोन कर लम्बी चर्चा की. इस चर्चा में देश-विदेश के कई मुद्दों पर बात हुई लेकिन मुख्य मुद्दा मालदीव के मौजूदा हालात थे. इसके साथ ही व्हाइट हाउस के अनुसार दोनों के बीच अफगानिस्तान, आतंकवाद, और रोहिंग्या शरणार्थी के मुद्दों पर भी बात हुई.
वाइट हाउस के अनुसार दोनों के बीच हुई बातचीत का मुख्य मुद्दा मालदीव में चल रहे मौजूदा हालात है. आपको बता दें कि, मालदीव में हालात बेकाबू है, वहां के राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा कर दी है साथ ही सुप्रीम कोर्ट के जज और पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. दोनों ने मालदीव के हालात पर चिंता व्यक्त कर मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने के पक्ष में अपनी राय रखी. मालदीव ने अपने देश के राजनीतिक हालात का ब्योरा देने के लिए पाकिस्तान और चीन में विशेष दूत भेजे हैं. हालांकि भारत ने मालदीव के दूत के दौरे को अनुमति नहीं दी और कहा कि राजनयिक दौरे के लिए ये उचित समय नहीं है. इस पर मालदीव ने दुख जताया है.
इन मुद्दों के अलावा रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में भी बातचीत हुई, आपको बता दें कि बांग्लादेश में इस समय 680000 रोहिंग्या मौजूद है, जिसके कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त है. अमेरिका ने कहा है कि, रोहिंग्या शरणार्थियों का इस समय म्यांमार जाना उचित नहीं होगा. इसके लिए भविष्य में कड़े कदम उठाने होंगे. आपको बता दें 2018 में आधिकारिक रूप से ट्रम्प और मोदी की पहली बातचीत है.
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