नई दिल्ली : भारत के नागालैंड राज्य में साक्षरता दर ऊंची रहने और दूसरे राज्यों के मुकाबले समाज और परिवार में बेहतर अधिकार होने के बावजूद इस राज्य में से आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी है. भारत में शायद नागालैंड ही एकमात्र ऐसा राज्य है. आज तक इस राज्य से सिर्फ एक महिला सांसद चुनी गई है.
किन्तु, इस बार भी 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा छः महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं.. राज्य के महिला और सामाजिक संगठनों को इस बार विधानसभा चुनाव में महिलाओं का खाता खुलने की उम्मीद है. इस बार जो महिलाएं चुनाव मैदान में हैं उनमें बीजेपी की एक, पूर्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (एनडीपीपी) की दो और नेशनल पीपुल्स पार्टी की दो उम्मीदवारों के अलावा एक उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर उतरीं हैं.
गौरतलब है कि, नागा समाज में महिलाओं को काफी आजादी है और उनको दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा अधिकार मिले हैं. लेकिन जब बात राजनीति की आती है तो इसे महिलाओं की पहुंच से दूर रखा जाता है. यही वजह है कि फरवरी, 1964 में पहली विधानसभा के गठन के बाद से ही अब तक कोई महिला चुन कर सदन में नहीं पहुंची है. वर्ष 1977 में रानो एम शाइजा पहली बार चुनाव जीत कर संसद पहुंची थीं.
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