बेंगलुरु: केंद्र सरकार के मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने सोमवार को एक विवादित बयान दिया। बेंगलुरु में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी पहचान अपनी जाति और धर्म से करनी चाहिए न कि ख़ुद को धर्मनिरपेक्ष बताना चाहिए। यदि आप धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं, तो यह संदेह पैदा होता है कि आप कौन हैं?
हेगड़े ने कहा कि वह संविधान का सम्मान करते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में इसे बदलना पड़ेगा। वही पांच बार के लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कड़ा ऐतराज जताया है।
वही कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा नेता संसदीय और राजनीतिक भाषा नहीं जानते हैं। दक्षिणी राज्य में कुछ ही महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है। 49 वर्षीय हेगड़े ने कहा कि एक नया चलन शुरू हो गया है, जिसमें लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने की कोशिश करते हैं।
बता दे कि केंद्रीय मंत्री का विवादों से पुराना नाता है। हाल ही में सिद्धारमैया के खिलाफ कथित अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इससे पहले कथित रूप से इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने पर उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है।
केंद्रीय कौशल विकास एवं एंटरप्रेन्योरशिप मंत्री ने कहा इससे कम से कम लोगों को अपने वंश के बारे में पता तो रहता है, लेकिन पता नहीं उन्हें क्या कहें, जो खुद को धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं। ऐसे लोगों को अपने खून का पता नहीं रहता और उनकी कोई पहचान नहीं होती। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह मैं आपके सामने शीश झुकाता हूं, क्योंकि आप अपने खून के बारे में सजग हैं।
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