कोलंबो. भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में पिछले कुछ दिनों से गंभीर राजनैतिक संकट उभरा हुआ हैं जिसने यहाँ के माहौल को भी हिंसक बना दिया हैं. अब श्रीलंका के इस मामले में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश कहलाने वाला अमेरिका भी उतर चुका हैं. अमेरिका ने इस मामले में श्रीलंका को चेतावनी देते हुए कहा हैं कि वो देश में नेतृत्व को तय करने के लिये संविधान के अनुसार निर्धारित जरुरी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करे वार्ना इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं.
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दरअसल कुछ दिनों पहले ही श्रीलंका में इस देश के राष्ट्रपति ने यहाँ के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को उनके पद से हटा कर उनकी जगह पर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को पीएम पद की कमान सौंप दी गई थी. राष्ट्रपति के इस कार्य के बाद से ही पुरे श्रीलंका में जनता उनका विरोध कर रही थी. इसके बाद जनता ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करना भी शुरू कर दिया था. इस दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के समर्थकों के गुटों में बहसबाजी हो गई थी.
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इस बहसबाजी ने देखते ही देखते मारपीट और फिर भीषण हिंसा का भी रूप ले लिया था. यह हिंसा इतनी रूद्र हो गई थी कि इसमें गोलीबारी भी की गई जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. इसके बाद श्रीलंका के एक स्पीकर ने भी संसद में इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो श्रीलंका की सड़के खून से लथपथ हो जायेगी.
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