न्यूयॉर्क: बांग्लादेशी प्रधान मंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यांमार में जल्दी वापसी की मांग की है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के आम चर्चा में दिए गए उनके भाषण में, हसीना ने इस तथ्य से खेद व्यक्त किया कि स्थायी और सतत तरीके से देश-प्रत्यावर्तन शुरू नहीं हुआ है. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि म्यांमार हमारे पड़ोसियों में से एक है, शुरुआत से हम द्विपक्षीय परामर्श के माध्यम से रोहिंग्या संकट के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि अब तक, रोहिंग्या प्रत्यावर्तन के लिए बांग्लादेश और म्यांमार के बीच तीन द्विपक्षीय बैठकें संपन्न की गई हैं. रोहिंग्या को वापस लेने के लिए उनकी मौखिक प्रतिबद्धता के बावजूद, वास्तव में म्यांमार के अधिकारियों ने उन्हें अभी तक स्वीकार नहीं किया है. प्रधान मंत्री ने कहा, रोहिंग्या संकट की उत्पत्ति म्यांमार में हुई थी, इस तरह इसका समाधान भी म्यांमार में पाया जाना चाहिए, हम रोहिंग्या संकट के लिए जल्द और शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं.
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उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में रोहिंग्या अनिश्चित स्थिति में रह रहे हैं. बांग्लादेश ने उनके लिए भोजन, कपड़े, स्वास्थ्य देखभाल, बाल देखभाल और सुरक्षा के लिए अपनी योग्यतानुसार व्यवस्था की है. संयुक्त राष्ट्र और राष्ट्रमंडल समेत कई देशों और संगठनों ने रोहिंग्या के साथ एकजुटता और उनके लिए समर्थन और सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा, जब तक रोहिंग्या अपने घर वापिस नहीं लौट जाते तब तक उनके बुनियादी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बांग्लादेश पर आ पड़ी है.
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