अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी कोई घर, भवन, या इमारत बनवाता है तो उसका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद वह हवन, पूजा करवाता है ताकि उसके इस घर, भवन या ईमारत में कोई बाधा नहीं आये, या फिर कोई घर कि शांति के लिए पूजा करवाता है जिससे वह अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सके. लेकिन पूजा, हवन तथा धार्मिक कार्यो के लिए व्यक्ति को हमेशा यह चिंता सताती है कि पूजा हवन में कौन सी लकड़ी का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे उसको शुभ परिणाम मिले, तो आज हम कुछ ऐसी ही बातो को आप तक पहुचाना चाहते है जिससे आपको धार्मिक कार्यो के लिए लकड़ी का चुनाव करना असान हो जाएगा.
यदि आप चन्द्र देवता के लिए हवन करवाना चाहते है तो चंद्रमा कि समिधा पलाश कि होनी चाहिए, इससे व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध होते है और व्यक्ति का कोई अधूरा काम हो तो वह भी पूरा हो जाता है.
यदि आप धार्मिक कार्यो में शनिदेव के लिए हवन करवाना चाहते हो तो हवन में समिधा शमी कि होनी चाहिए, इससे पापो का नाश होगा.
यदि आप सूर्य देवता के लिए हवन करवाना चाहते हो तो हवन में सूर्य कि समिधा मदार कि होनी चाहिए, और मदार रोगो का नाश करती है.
अगर आप गुरु गृह के लिए हवन करवाना चाहते हो तो हवन में पीपल के पेड़ कि लकड़ी का इस्तेमाल करें, शुभ होगा.
यदि आप शुक्र गृह के लिए हवन करवाना चाहते हो तो गुलर कि लकड़ी का इस्तेमाल करें शुभ परिणाम मिलेगा.
भूलकर भी इन कामों को करने से बचें नही तो दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ेगा
हिन्दू धर्म में इसलिए इतनी ज्यादा मान्यता है गाय के गोबर की
इलायची का यह उपाये जल्द ही बजवायेगा आपकी शहनाई
अशोक के पेड़ कि पत्तियों से घर में बनी रहती है सुख-शांति