मदीना : विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह मदीना पहुंचे हुए है। वो वहां हज यात्रियों के पहले जत्थे को रिसीव करने पहुंचे है। सिंह बेरोजगार हो चुके सउदी में रहने वाले 10 हजार भारतीयों को वतन वापस लाने के लिए मंगलवार को सउदी गए हुए है। जहां सउदी अरब सरकार उनकी मदद के लिए तैयार हो गई है।
वर्तमान में नौकरी छीन जाने और कई महीनों से वेतन न मिल पाने के कारण सउदी में रह रहे भारतीयों की स्थिति बदतर हो गई है। कुल 7,700 प्रभावित भारतीय कामगार 20 शिविरों में रह रहे हैं। दूतावास सऊदी अरब के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अन्य भारतीय कामगारों के बारे में विवरण जुटा रहा है।
सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा कि भारत सरकार इन दस हजार श्रमिकों की भारत वापसी के लिए प्रयास में लगी हुई है। मंगलवार को विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह इस प्रक्रिया की शुरुआत के लिए सउदी जाएंगे। स्वराज ने कहा कि कुवैत में हालात फिर भी काबू में है। लेकिन सउदी में हालात बदतर है।
उन्होने कहा कि कोई भी भारतीय खाने से वंचित नहीं रहेगा। मैं खुद व्यक्तिगत रुप से हर घंटे इसकी निगरानी कर रही हूं। लोकसभा में सुषमा ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद संतोष हो रहा है कि बेरोजगार हुए श्रमिकों के लिए अगले दस दिनों का राशन शिविरों में पहुंचा दिया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह समस्या का स्थाई हल नहीं है, क्यों कि कंपनियां बंद करके मालिक भाग गए है।
ऐसे में हम उन्हें वहां नहीं छोड़ सकते। हमने वहां के विदेश व श्रम विभाग से संपर्क किया है। विदेश विभाग से कहा गया है कि वे श्रमिकों को सउदी से वापस लाने के लिए हमें अधिकृत करें। सुषमा ने सदन को बताया कि उनके वेतन भी बाकी हैं, इसलिए मैंने श्रम विभाग से कहा है कि प्रत्येक श्रमिक एक अनुबंध पत्र पर दस्तखत करेगा।
सऊदी सरकार को बकाए का भुगतान करने से पहले कंपनी को इन श्रमिकों को भुगतान करना चाहिए। वी के सिंह के रियाद पहुंचते ही सारी औपचारिकताएं शुरु हो जाएगी। बता दें कि वैश्विक बजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से सऊदी अरब के निर्माण उद्योग में मंदी छा जाने के बाद वहां की एक प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनी ओगर बंद हो गई है, जिससे हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।