आप सभी को बता दें कि भगवान श्रीहरि विष्णु अत्यंत दयालु माने जातेहैं और वह ही नारायण, वासुदेव, शिव, कृष्ण, परमात्मा, ईश्वर, शाश्वत, हिरण्यगर्भ, अच्युत आदि अनेक नामों से पुकारे जाते हैं. ऐसे में उनकी शरण में जाने पर मनुष्य का परम कल्याण होता है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन द्वादशी या वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है और इस बार यह व्रत 21 सितंबर 2018, शुक्रवार यानी आज मनाया जा रहा है.
आप सभी जानते ही हैं कि आज के दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा, अभिषेक, स्तुति के साथ-साथ उनका मंत्र- 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं श्रीवासुपूज्य जिनेन्द्राय नम: स्वाहा' अथवा 'ॐ ह्रीं श्री वासुपूज्य-जिनेन्द्राय नम:' का जाप करने का अपना ही एक महत्व है, इसी के साथ हिन्दू धार्मिक पुराणों तथा मान्यताओं के अनुसार इस दिन भक्तों को व्रत-उपवास करके भगवान वामन की स्वर्ण प्रतिमा बनवाकर पंचोपचार सहित पूजा करनी चाहिए लाभ मिलता है. तो आइए जानते हैं कैसे करें वामन द्वादशी व्रत..
आज के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर वामन द्वादशी व्रत का संकल्प लेना चाहिए और उसके बाद पुरे दिन उपवास रखना चाहिए. इस दिन अभिजीत मुहूर्त में भगवान विष्णु के वामन अवतार का पूजन करना चाहिए और साथ ही सायंकाल के समय में पुन: स्नान करने के बाद भगवान वामन का पूजन करके व्रत कथा सुननी चाहिए. इसके बाद पूजन के समय एक बर्तन में दही, चावल, शकर आदि रखकर उसे किसी योग्य ब्राह्मण को दान देने का अपना ही एक विशेष महत्व माना जाता है. इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाना चाहिए और खुद को फलाहार करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धा-भक्तिपूर्वक इस दिन भगवान वामन का व्रत व पूजन करते हैं, उनके सभी कष्ट दूर होते हैं और वे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. अब आज आपको भी यह व्रत करना चाहिए.
सफलता और धन प्राप्ति के लिए आज शाम जरूर जपें यह चमत्कारी मंत्र