बुलेट ट्रेन की रफ़्तार भले ही न पकड़ पाएँ, मगर वाहन अब उसके साथ-साथ चल पाएंगे. बुलेट ट्रेन ट्रैक के किनारे चार मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण करने की योजना तैयार की गई है. पिलर के सहारे एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा. इसके अलावा टनल ट्यूब में आने-जाने वाले दो ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिसमें दो ट्रेन एक साथ पूरी रफ्तार में चल सकेंगी.
नेशनल हाई स्पीड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचसीएल) ने बुलेट ट्रैक के किनारे सड़क निर्माण की योजना तैयार की है, हालांकि इस सड़क पर उन ग्रामीण इलाकों के वाहन चल पाएंगे जिनकी भूमि का अधिग्रहण हुआ है, उनसे किसी तरह का टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा. एनएचसीएल के प्रबंधक अचल खरे ने बताया कि 12 में से 10 स्टेशनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार को दस्तावेज सौंप दिए गए हैं. अगले साल जुलाई महीने से बापी, सूरत, बलसाड, वडोदरा के बीच 233 किलोमीटर बुलेट ट्रेन ट्रैक का काम भी शुरू कर दिया जाएगा. 4 टनल बनाने के लिए डिजाइनिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है.
बुलेट ट्रेन ट्रैक बनाने के पहले वडोदरा में 75 मीटर लंबा एक सैंपल ट्रैक का भी निर्माण होगा, ताकि लोको पायलट को जापान भेजने के बजाय यहीं ट्रेनिंग मिल जाए और आगे कोई परेशानी ना हो.
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