आज कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच विजय हजारे ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला गया. जिसमे कर्नाटक ने सौराष्ट्र को जोरदरा पटखनी देते हए तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया. सौराष्ट्र के आमंत्रण पर कर्नाटक की टीम पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी. पूरे सीजन में शानदार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने अपनी टीम के लिए शानदार अर्द्धशतकीय पारी खेली.
कर्नाटक की टीम ने मयंक अग्रवाल की 79 गेंदों में 90 रन की पारी के सहारे 253 रन का स्कोर खड़ा किया. इस दौरान मयंक ने कुल 11 चौके और 3 छक्के लगाए. कर्नाटक की पूरी टीम 45.5 ओवर में सौराष्ट्र के सामने ढ़ेर हो गई. मयंक के अलावा रविकुमार समर्थ और पवन देशपांडे ने भी उपयोगी पारी खेली. सौराष्ट्र की ओर से कमलेश मकवाना ने 4 और कृष्णप्पा गोथम ने तीन विकेट हासिल किये. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी सौराष्ट्र की टीम शुरुआत काफी खराब रही और वह इस लक्ष्य का पीछा नही कर सकी.
चेतेश्वर पुजारा ने अपनी टीम के लिए किला लड़ाए रखा और उन्होंने 94 रन की साहसी पारी खेली. परन्तु वे अपनी टीम को ख़िताब दिलाने में सफल नहीं हो सके. वहीं, आलराउंडर रविंद्र जड़ेजा भी कुछ ख़ास कमाल नहीं कर सके और वे भी सस्ते में आउट होकर चलते बने. सौराष्ट्र की पूरी टीम 46.3 ओवर में 212 रन पर घुटने टेक बैठी. और अंततः विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब कर्नाटक ने अपने नाम किया.
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