इंदौर: दूध और सब्जी की बिक्री बंद से शुरू हुआ आंदोलन इतना उग्र हो गया है कि इसने हिंसक रूप धर लिया है. जिसमे जमकर हिंसा की जा रही है. मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानो की मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए है. किसानो ने प्रदर्शन उग्र कर दिया है. वही हाल में मिली जानकारी में पता चला है कि किसान आंदोलन के चलते भोपाल-इंदौर हाईवे और देवास जिले को मिलाकर 13 बसों समेत 150 गाड़ियों में आग लगा दी गई है. वही चार्टेड बसों को भी आग के हवाले कर दिया. महाराष्ट्र से शुरू हुए इस आंदोलन ने मध्य प्रदेश में रौद्र रूप धर लिया है.
मंदसौर में आज भी हिंसा का दिन रहा जिसमे कई गाड़ियों में आग लगा दी गयी. वही लोगो के पास पहुंचे कलेक्टर से मारपीट की गयी. देवास के नजदीक चापड़ा में आंदोलनकारी किसानों ने एसडीएम, एसडीओपी एवं डायल 100 में तोड़फोड़ कर उसमें आग लगाने के साथ नेवरी फाटे के पास प्रदर्शनकारियों ने 2 चार्टर्ड सहित 8 बसों को आग के हवाले कर दिया. वही एक थाने को भी आग के हवाले कर दिया. कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर आंदोलन 1 जून से शुरू हुआ था. जिसमे 6 लोगो की मौत हो गयी है.
देश में हो रही इस तरह की घटनाओ को लेकर कांग्रेस जमकर शिवराज सरकार को घेर रही है. जिसमे कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि शिवराज सिंह चौहान को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए फौरन इस्तीफा देना चाहिए. वही बुधवार को कृषि कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमे कुछ अहम निर्णय लिए गए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगो से शांति बनाये रखने की अपील की है. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है. मंदसौर, पिपलिया मंडी, नारायणगढ़ और मल्हारगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, दलोदा और सुमात्रा में भी धारा 144 लगाने के साथ मंदसौर में सभी मोबाइल सर्विसेस सस्पेंड कर दी गईं है.
लाशो पर लगाई जा रही है बोली, शिवराज दे इस्तीफा - कांग्रेस
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