राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में इस बार काफी बदलाव किए गए हैं. जहां चुनाव आयोग की ओर से पहली बार ईवीएम मतपत्र पर फोटो भी प्रकाशित किया गया है. वहीं नेत्रहीन मतदाताओं के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. इसके अलावा कुछ अन्य पहचान पत्रों के आधार पर भी वोट डालने की अनुमति प्रदान की गई है.
राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में पहली बार ईवीएम मतपत्र पर प्रत्याशियों के नाम के साथ उनकी फोटो भी लगी दिखाई दे रही है. यह पहली बार है कि जब देश में किसी भी लोकसभा चुनाव में ऐसा प्रयोग किया गया है. फोटो लगाने का उद्देश्य है कि यदि एक ही लोकसभा, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक ही नाम के दो प्रत्याशी हो, तो उनके फोटो के आधार पर उन्हें पहचाना जा सके. अब ईवीएम मतपत्र पर प्रत्याशी का नाम, फोटो और अंत में चुनाव चिन्ह दर्शाया गया है. वहीं नोटा में फोटो की जगह स्थान खाली रखा जाएगा.
इन उप चुनावों में दिवयांगजन और वरिष्ठ मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर रैंप की सुविधा भी रखी गई है. साथ ही नेत्रहीन मतदाताओं के लिए करीब 4 हजार 200 ब्रेल मतपत्र प्रिंट करवाए गए हैं. अब नेत्रहीन मतदाता ब्रेल लिपि में छपे अभ्यर्थियों के क्रमांक, नाम एवं पार्टी आदि पढ़कर ईवीएम पर लगे हुए ब्रेल बटनों के माध्यम से वोट डाल सकेंगे. साथ ही भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र के साथ, 11 अन्य वैकल्पिक फोटो आईडी को मान्यता दी है.
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