पटना :बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर आज मतदान होना है. यहां मुकाबला रोचक है. यहां उप-चुनाव आरजेडी के सांसद मोहम्मद तसलीमुद्दीन की मौत होने के कारण हो रहा है. बीजेपी के प्रदीप कुमार एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. आरजेडी ने दिवंगत सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को उम्मीदवारी दी है. अररिया सीमांचल क्षेत्र का हिस्सा है और यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है. यहां आरजेडी की नजरें मुस्लिमों और यादवों के साथ ही दलितों के वोटों पर हैं. साल 2014 में बीजेपी से दूरी बनाकर जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ा था. इन हालात में मोदी लहर के बावजूद तस्लीमुद्दीन चुनाव जीत गए थे. तस्लीमुद्दीन को 41 प्रतिशत वोट मिले थे.
अररिया लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता 41 प्रतिशत से ज्यादा हैं. जेडीयू से गठबंधन के कारण बीजेपी अब हिंदू मतों का ध्रुवीकरण होने की उम्मीद कर रही है. अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस लोकसभा क्षेत्र की आबादी 15,87, 348 है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 9,75,811 लोगों ने वोट डाले थे. यानी कि करीब 61 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था. इस चुनाव में आरजेडी के तस्लीमुद्दीन को 4,07,978, बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को 2,61, 474, जेडीयू के विजय कुमार मंडल को 2,21,769 और बीएसपी के अब्दुल रहमान को 17, 724 वोट मिले थे.
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में 2,82, 742 वोट हासिल करके बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह जीते थे. एलजेपी के जाकिर हुसैन खान को 2,60, 240 और कांग्रेस के शकील अहमद खान को 49,649 मत मिले थे. अररिया के उपचुनाव में भले ही बीजेपी चुनाव मैदान में है, लेकिन गठबंधन का धर्म निभा रहे सीएम नीतीश कुमार के लिए भी यह नाक का सवाल है. मतगणना 14 मार्च को होगी.
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