पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रहने वाले 74 फीसदी लोग पाकिस्तान में रहने को तैयार नहीं है, वह पाकिस्तान से आज़ाद होना चाहते हैं। यह खुलासा पीओके में सबसे ज़्यादा बिकने वाले उर्दू अखबार डेली मुजादाला द्वारा किये गए सर्वे में हुआ है। इस सर्वे में दस हजार लोगों को शामिल किया गया था और इसे पूरा करने में 5 साल लग गए थे। जैसे ही इस सर्वे के नतीजे सामने आए तो पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और बौखलाए पाकिस्तान ने आनन-फानन में इस अख़बार पर रोक लगा दी, और दफ्तर पर ताला लगा दिया।
इस बारे में अखबार के सम्पादक हारिस क्वादर से मिली जानकारी के अनुसार इस सर्वे में लोगों से दो सवाल पूछे थे, पहला यह कि 1948 के कश्मीर के स्टेटस को बदलना चाहते हैं? तो अधिकांश लोगों ने सहमति जताई. वहीं दूसरे सवाल में 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से आजादी के पक्ष में नजर आए. उल्लेखनीय है कि जैसे ही इस सर्वे के नतीजे सामने आये तो पाकिस्तान में खलबली मच गई और उसने अखबार पर रोक लगा दी। इस सर्वे के प्रकाशित होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने शुरू में उन्हें नोटिस भेजकर डराया और फिर दफ्तर में ताला लगा दिया।
यहाँ यह बात गौर करने लायक है कि 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से अलग होने की बात पर सहमत नजर आए । वैसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आजादी की मांग के स्वर पहली बार नहीं उठे हैं। इससे पहले सिंध और बलूचिस्तान में भी आजादी की मांग उठती रहती है, जिसे पाकिस्तान दमन करके दबाता रहता है।
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