आज की युवा पीढ़ी आगे बढ़ने के लिए नये काम की शुरूआत करती है इसलिए अपने जीवन में हर इंसान आगे बढ़ना चाहता है, सफलता हांसिल करना चाहता है। लोगो के मन में यही आशा रहती है कि इस काम से उनका भविष्य निश्चित ही सफल होगा। लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है अक्सर हम जिस काम की शुरूआत करते हैं वह काम असफल हो जाते हैं।
दरअसल जब आप कोई काम की शुरूआत करें तो उसके लिए शुभ दिन और शुभ समय की जरूरत होती है जिसके बारे मे शायद आप लोग अंजान होते हैं अगर इन शुभ घड़ी में हम किसी भी काम की शुरूआत करते हैं तो निश्चित ही हमें सफलता मिलती हैं आज हम आपसे कुछ ऐसे ही विषय पर चर्चा करने वालें हैं जिससे आप यह जान पाएंगे कि अगर आप कोई काम की शुरूआत करते भी है तो उस शुभ घड़ी में करें ताकि आपका काम सफलता को प्राप्त करे, तो चलिए देखते हैं कौन सी वह शुभ घड़ी है?
सही समय पर कार्य को शुभ बनाने के लिए वार भी बहुत महत्वपूर्ण होते है जिनकी वजह से किसी भी कार्य की शुरुआत का होना बहुत ही शुभ रहता है। इन वारो में सबसे अच्छे दिन होते है रविवार, बुधवार और शुक्रवार। इन तीन दिनों से किसी भी कार्य की शुरुआत करना बहुत ही अच्छा होता है।
किसी भी कार्य की शुरुआत के लिए उजाले दिन यानि की पूर्णिमा के बाद के सात दिन बहुत ही शुभ माने जाते है जिसमे सबसे अच्छी तिथि रहती है पूनम की दौज और चौथ जो की शास्त्रों के अनुसार बहुत ही शुभ दिन रहते है। सभी अच्छे कामो की शुरुआत इन्ही दिनों से की जाती है।
अमावस्या के बाद जो सात दिन आते है उन्हें अँधेरी कहा जाता है और ऐसा माना जाता है की इन दिनों में जो भी कार्य किया जाये वह शुभ नही होते है। निश्चित ही हमे असफलता मिलती है।
समय का चौघडिया ही बहुत मायने रखता है। समय के अनुरूप भी किया गया कार्य भी सफलता दिलाता है। चौघडिया के अनुसार दिन में शुभ, लाभ, अमृत के चौघडिया में किये गए कार्य फलदायी होते है।
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