हिन्दू संस्कृति में पूजा पाठ, अनुष्ठान, हवन, यज्ञ, आदि कर्मो में दीपक द्वारा आरती करने का विधान है. पूजा की थाली में कपूर डालकर भी आरती की जाती है. आरती के लिए दीपक अथवा थाली को किस प्रकार पकड़ना चाहिए व किस प्रकार संबंधित देवी-देवता के समक्ष घुमाया जाना चाहिए इसकी भी विधि है.
दीपक की आरती करते समय दीपक को अपने इष्टदेवी -देवता के सम्मुख इस प्रकार घुमाया जाना चाहिए कि घुमाते हुए ॐ जैसी आकृति का निर्माण हो जाए, तभी आरती सफल मानी जाती है. आरती अपनी बाईं ओर से दाईं ओर चलाएं.
आरती की थाली अथवा दीपक आरती के पश्चात दूसरे को आरती हेतु देने के लिए अपने दाई ओर से दें!
भिन्न- भिन्न देवी- देवताओं के समक्ष दीपक को धुमाने की संख्या भी भिन्न है जो इस प्रकार हैं:-
भगवान शिव के समक्ष - तीन अथवा पांच बार घुमाएं
भगवान गणेश के समक्ष - चार बार घुमाएं.
भगवान विष्णु के समक्ष - बारह बार घुमाएं.
भगवान रूद्र के समक्ष - चौदह बार घुमाएं.
भगवान सूर्य के समक्ष - सात बार घुमाएं.
भगवती दुर्गा जी के समक्ष -नौ बार घुमाएं.