अक्सर शनि के बारे में भ्रांतियां सामने आती है कि शनि ग्रह क्रूर है और हमेशा ही लोगों का बुरा करता है अर्थात शनि की साढ़े साती में व्यक्ति बर्बाद तक हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि शनि को न्याय का देवता माना गया है, कहा गया है कि शनि ग्रह ही ऐसा है जो लोगों को उनके कर्म के हिसाब से दंड देते है।
खैर शनि साधकों ने शनि को विभिन्न वस्तुओं का अधिपति बताया है। शनि साधक दादू महाराज के अनुसार शनि ग्रह लोहा, तिल, काले रंग की वस्तुओं का अधिपति होते है और शनि के भी दान इन्हीं वस्तुओं का करने से शनि की कृपा प्राप्ति होती है।
शनि की शुभ स्थिति यदि कुंडली में हो तो संबंधित जातक को न केवल यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है बल्कि ऐश्वर्यवान भी व्यक्ति होकर दीर्घायु को प्राप्त करता है। शनि साधक दादू महाराज का यह कहना है कि शनि देव की कृपा असीम होती है इसलिए शनि की आराधना करने का विधान भी शास्त्रों में बताया गया है।