Feb 24 2018 02:36 PM
1. मत कर गुरूर खुद के वजूद पर इक दिन न इसका नाम-ओ-निशां होगा,
कितना भी भाग लो मौत से लेकिन सफ़र-ए-जिंदगी का यही आखिरी मुकाम होगा.
2. मंजिल बड़ी हो तो सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है.
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