हर मनुष्य के जीवन में कोई न कोई परेशानी हमेशा बनी ही रहती है कभी कोई परेशानी आर्थिक होती है तो कोई शारीरिक, आज हम परेशानी से जुड़े एक ऐसे ही कारण के बारे में बताने जा रहे है जो आप अनजाने में कर बैठते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि सोते समय कुछ बातों को ध्यान मे रखा जाए तो टेंशन और बीमारियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि रात को सोते समय पैर यदि सही दिशा में किए जाए तो तन, मन और जीवन स्वस्थ और सुखमय बनाया जा सकता है।
सोते वक्त यदि सिर दक्षिण दिशा की ओर तथा पैर उत्तर दिशा की ओर रखा जाए तो इससे पृथ्वी की ऊर्जा का प्रवाह सही बना रहता है।
दक्षिण दिशा की ओर सिर करने पर ऊर्जा शरीर में प्रवेश करती है और पैरों के जरिए बाहर निकल जाती है। यह शरीर का रक्त संचरण और पाचन तंत्र मे काफी मददगार रहते हैं।
यदि अप मन को शांत रखना चाहते है तो दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना चाहिए है और अवसाद तथा तनाव पर नियंत्रण करना आसान होता है।
यदि दक्षिण दिशा की ओर सिर कर पाना संभव ना हो तो पश्चिम दिशा की और भी किया जा सकत है इस दौरान पैर पश्चिम की ओर रहते हैं।
चूंकि पूर्व दिशा से सूर्य उदय होता है, सूर्यदेव सम्पूर्ण जगत को प्रकाश देते हैं। वे जीवन के लिए ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। अगर पूर्व की ओर सिरहाना किया जाए तो यह फलदायक होगा|
पूर्व दिशा की ओर पैर करके सोना उचित नहीं माना जाता है। इससे जीवन में दोषों का प्रवेश हो सकता है। यह सूर्यदेव की दिशा है इसलिए पूर्व की और पैर नहीं करना चाहिए।
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