मनुष्य के जीवन के दो पहलु होते है पहला सुख होता है दूसरा दुःख होता है सुख एवं दुःख दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये के सामान होते है जिसके बिना जीवन की गाड़ी आगे नहीं बढ़ती. सुख एवं दुःख का सम्बन्ध व्यक्ति के कर्मो से होता है कई बार व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्म उसके अगले जन्म में उसके दुखों का कारण बनते है. जब ये दोनों ही व्यक्ति के जीवन में प्रवेश करते है तो उससे पहले ही अपने आने का संकेत दे देते है.
आज हम आपको जीवन में दुर्भाग्य के प्रवेश करने के पूर्व की घटनाओं एवं संकेतों के बारे में बताएँगे जिससे की आप उनसे बचने के उपाए ढूँढ सकते है और अपने जीवन में आने वाले दुर्भाग्य के प्रभावों को कम कर सकते है.
1. हर व्यक्ति चाहता है की उसकी संतान बुद्धिमानी में उसकी तरह या फिर उससे भी अधिक बुद्धिमान हो और जीवन में अधिक सफलता प्राप्त करे. किन्तु यदि ऐसा नहीं होता है तो समझ जाइए की इसके पीछे का कारण आपके बुरे कर्म हो सकते है जो आपके भविष्य में दुर्भाग्य के आने का संकेत है.
यदि आप अपने बुध गृह को शक्तिशाली कर लेंगे एवं श्री गणेशन भगवान की पूजा करेंगे तो आपको इस समस्या के मुक्ति मिल सकती है.
2. घर की स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है जो आपके जीवन में सुख सम्रद्धि का प्रतीक मानी जाती है. यदि आपके घर की स्त्री से आपके सम्बन्ध अच्छे नहीं है और हर बात पर आप दोनों के बीच विवाद होता रहता है तो यह भी आपके जीवन में दुर्भाग्य के प्रवेश करने का संकेत है.
इससे बचने के लिए आपको माँ संतोषी का व्रत करके आपकी कुंडली में विराजमान ब्रहस्पति गृह को मजबूत करने का उपाए करना होगा तथा अपने और अपनी पत्नी के संबंधो में मधुरता लाना होगा.
3. यदि आपके परिवार में कोई भी व्यक्ति बार-बार बीमार होता है और इलाज करने पर भी ठीक नहीं होता है तो ये भी आपके जीवन में दुर्भाग्य के आने का संकेत हो सकता है इससे आपके जीवन की सुख शांति और धन की हानि होती है.तथा आपको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इन समस्याओं से बचने के लिए आपको हनुमान जी की पूजा करना चाहिए एवं अपने विवेक के अनुसार कार्य करना चाहिए.
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