भारत में GST को लेकर वैश्विक वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने गंभीर सवाल उठाते हुए GST को काफी जटिल बताया है. GST पर विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुख्य अंश -
-भारत में GST भारत में लागू टैक्स स्लैब 115 देशों में दूसरा सबसे ज्यादा है.
-विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने उन देशों के टैक्स रेट और स्लैब की तुलना की है, जहां जीएसटी लागू है.
-इस रिपोर्ट में कुल 115 ऐसे देश शामिल किए गए हैं.
-भारत में लागू जीएसटी में 5 टैक्स स्लैब हैं. इसमें 0, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18% और 28 फीसदी है.
-पेट्रोल और डीजल समेत कई उत्पादों को फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.
-सोने पर 3 फीसदी का टैक्स रेट लगता है. जिन चीजों को जीएसटी के बाहर रखा गया है, उन पर पहले की कर व्यवस्था के हिसाब से ही टैक्स लगता है.
-भारत में जहां 5 टैक्स स्लैब हैं. वहीं, दुनियाभर के 49 देशों में एक ही जीएसटी रेट है.
-रिपोर्ट के मुताबिक 28 देशों में 2 टैक्स स्लैब इस्तेमाल किए जाते हैं. वहीं, भारत समेत 5 ऐसे देश हैं, जहां 4 टैक्स टैक्स स्लैब प्रभावी हैं. 4 और इससे ज्यादा जीएसटी टैक्स स्लैब लागू करने वाले देशों में इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना है.
-विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी लागू होने के शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतें पेश आई थीं.
-बैंक ने जीएसटी बाद रिफंड की रफ्तार धीमी होने को लेकर भी चिंता जताई है.
-रिपोर्ट में कहा गया है कि रिफंड फंसने से इसका सीधा असर कारोबारियों की पूंजी पर पड़ता है. इसकी वजह से उनका कारोबार प्रभावित होता है.
-विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी को लागू करने के लिए किए गए खर्च को लेकर भी सवाल उठाया है.
-वैश्विक वित्तीय संस्था ने अपनी रिपोर्ट में भविष्य में इसमें जरूरी बदलाव करने का सुझाव दिया है और उम्मीद जताई है कि आगे जाकर इसमें सकारात्मक बदलाव होंगे.
-रिपोर्ट में टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और जीएसटी प्रक्रिया को आसान व सरल बनाने का सुझाव दिया गया है.
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