8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है. बताया जाता है कि 8 जून को मनाए जाने वाले इस दिन को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा मनाया गया था. हर दिवस को मनाने के पीछे कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है. वैसे ही इसका भी है. ब्रेन ट्यूमर के प्रति लोगों में जागरूकता होने के कारण सन 2000 से लेकर प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है.
डब्ल्यूएचओ ने इसे चार ग्रेडों में बांटा है. ग्रेड वन में दस साल के कम उम्र के बच्चों में भी यह ट्यूमर पाया गया है. ग्रेड वन होने के कारण इसका उपचार संभव है. रेडिएशन जोन में काम करने और बार बार एक्सरे करवाने से ब्रेन ट्यूमर होता है. चिकित्सकों के अनुसार खतरनाक होते ब्रेन ट्यूमर को सीटी स्कैन और एमआरआई करवाने से पता लगाया जा सकता है.
किन वजहों से होता है यह
किरणों की चपेट में आना, मरीज का बार बार एक्सरे होना, चोट लगना, सेल फोन से निकलने वाली रेडिएशन
इसके कुछ लक्षण
सुबह उठने पर सिरदर्द होना, अचानक उल्टी आना, मरीज को अचानक फिट पड़ना, व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आना, आंखों में रोशनी कम होना,अधरंग हो जाना, ट्यूमर होने पर जुबान का बंद होना
बिनाइन ट्यूमर कैंसर रहित होता है. ट्यूमर को ऑपरेशन करके निकाला जा सकता है. जबकि मेलगनेंट ट्यूमर को थोड़ा थोड़ा करके निकाला जाता है. चिकित्सकों के अनुसार बच्चों में इसका उपचार संभव है. जबकि बड़ों में कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी देकर इसे निकाला जा सकता है.
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