संयुक्त राष्ट्र : आज विश्व जन संख्या दिवस है. संयुक्त राष्ट्र ने 1989 में विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत की थी.दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है और अब यह 7 अरब तक पहुंच गई है.दुनिया में हर रोज साढ़े तीन लाख बच्चे जन्म लेते हैं. 1.3 अरब आबादी के साथ चीन अव्वल है और भारत 1.2 अरब आबादी के साथ दूसरे नंबर पर है.
उल्लेखनीय है कि जनसंख्या नियोजन पर लोगों को जागरूक करने के लिए 1989 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जनसंख्या दिवस घोषित किया था. दुनिया की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है. अब यह 7 अरब तक पहुंच चुकी है. 1.3 अरब की सर्वाधिक आबादी के साथ चीन अभी भी पहले नंबर पर है.जबकि भारत 1.2 अरब आबादी के साथ अब भी दूसरे नंबर पर कायम है.बता दें कि दुनिया में हर रोज साढ़े तीन लाख बच्चे पैदा होते हैं. एक आंकड़े के अनुसार हर 20 मिनट में 3000 से अधिक बच्चे पैदा होते हैं. 1960 में दुनिया की आबादी 3 अरब थी, 40 साल में यह दोगनी यानी 6 अरब हो गई. संयुक्त राष्ट्र के एक सर्वे के अनुसार 2050 तक वैश्विक आबादी 12 अरब तक पहुंच जाएगी, वहीं 2030 तक भारत की आबादी चीन की जनसंख्या से ज्यादा हो जाएगी.
बता दें कि विश्व जनसंख्या दिवस की इस साल की थीम फैमिली प्लानिंगः इंपावरिग पीपल, डेवलपिंग नेशंस रखी गई है.इसका उद्देश्य 2020 तक 12 करोड़ महिलाओं को ऐच्छिक रूप से जनसंख्या नियोजन के प्रयासों का हिस्सा बनाना है. स्मरण रहे कि हर सेकंड दुनिया में 4.3 बच्चे पैदा होते हैं और 1.8 लोगों की मृत्यु होती है. विशेषज्ञों के अनुसार जनसंख्या में तेज वृद्धि की वजह जन्मदर नहीं है, बल्कि घटती मृत्यु दर है. स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार, तकनीक,शहरीकरण, शिक्षा, बीमारियों से परहेज और युद्ध न होने से मृत्यु दर घट गई है और लोग अब ज्यादा जीने लगे हैं.
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