विश्व डाक दिवस : डाकिया डाक लाया - डाकिया डाक लाया... चिट्ठी आई है, आई है चिट्ठी आई है... और फूल तुम्हे भेजा है खत में.... ऐसे कई गाने हैं जिन्हे सुन के सिर्फ दिल में एक उमंग ही नहीं बल्कि चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है. तेज़ी से विकसित होती तकनीक और बदलते इस दौर में, अब वो जमाना भुलाया जा चुका है जब लोग, साईकिल सवार डाकिये को आता देख अपनी सांसें थाम, अपने नाम को पुकारे जाने का इंतज़ार करते थे.
आज की इंटरनेट की इस दुनिया में सभी लोग मोबाइल और कंप्यूटर में सिमट कर रह गए हैं. एक ओर जहां इन सभी गेजेट्स से हमारी लाइफ आसान तो हुई है लेकिन वो दौर, वो जज्बात, वो अहसास कहीं खो गया है. हालांकि आज भी एक जगह से दूसरी जगह कोई दस्तावेज पहुंचने हों, या किसी को पैसे भेजने हो उन सभी के लिए डाक ही एक मात्र उपाय है. लेकिन अब इसकी जगह कोरियर सर्विस ने ले ली है जो कम समय में जरूरी सफर तय कर लेती है, बावजूद इसके आज भी डाक की अपनी अलग पहचान है. आइए डाक दिवस के मौके पर जानते हैं इसके इतिहास के बारे में...
डाक की सुविधा लोगों को अपनों से जोड़ने के लिए, उनके सुख-दुःख को साझा करने के लिए शुरू की गयी थी. पुराने समय में एक-दूसरे से संपर्क का यही एक मात्र साधन था. 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाने के पीछे कारण यह है कि 1874 में इसी दिन ’यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में एक साथ 22 देशों ने एक करार पर हस्ताक्षर किये थे, तभी से इस दिन को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इसके बाद 1 जुलाई, 1876 को भारत भी इन सदस्यों में शामिल हुआ. भारत में डाक सेवा की स्थापना वर्ष 1766 में लार्ड क्लाइव ने की थी. इसके बाद वर्ष 1774 में भारत के हैदराबाद में वारेन हेस्टिंग ने पहला पोस्ट ऑफिस शुरू किया. इसके बाद स्टाम्प टिकिट की शुरुआत 1852 में की गयी.
166 वर्षों से अधिक समय से भारतीय डाक अपनी सेवाएं जन-जन तक पंहुचा रही है. भारतीय डाक सेवा सबसे बड़ी डाक सेवाओं में एक मानी जाती है. विश्व डाक दिवस के दूसरे दिन यानी कि 10 अक्टूबर को भारतीय डाक दिवस मनाया जाता है. 9 से 14 अक्टूबर के बीच भारतीय डाक विभाग के अनुसार भारतीय डाक सप्ताह मनाया जाता है, इसका उद्देश्य ग्राहकों के बीच डाक विभाग के उत्पाद के बारे में जानकारी देना, उन्हें जागरूक करना और डाकघरों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है. डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है.
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