नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है, आज नवमी और अष्टमी दोनों तिथियां एक साथ है साथ में देश आज रामनवमी के उत्सव में भी डूबा है. मां सिद्धिदात्री जो दरअसल देवी का नौवा और पूर्ण स्वरुप है. केवल इस दिन मां की उपासना करने से, सम्पूर्ण नवरात्रि की उपासना का फल मिलता है. आज के दिन महासरस्वती की उपासना भी होती है, जिससे अद्भुत विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है. महानवमी पर कुछ विशेष प्रयोग करने से विशेष तरह की मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं. इस दिन हवन करने से नवरात्रि का फल सम्पूर्ण होता है, साथ ही अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है. नवमी तिथि, वास्तव में नवरात्रि का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाली तिथि है.
इस दिन हर तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. धन और सम्पन्नता की प्राप्ति हो सकती है. साथ ही बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं. मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए मां के समक्ष दीपक जलाएं. मां को नौ कमल के या लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद मां को नौ तरह के खाद्य पदार्थ भी अर्पित करें. फिर मां के मंत्र "ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः" का जाप करें. अर्पित किए हुए फूल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें. पहले निर्धनों को भोजन कराएं. इसके बाद स्वयं भोजन करें.
याद रखे इस साल 25 मार्च को 8 बजकर 3 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी और 2 बजकर 21 मिनट से पुनर्वसु नक्षत्र उदित होगा जिससे रामनवमी का पूजन करने के लिए 2 बजकर 21 मिनट के बाद का समय बहुत ही उत्तम रहेगा.
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