हिन्दू धर्म में नारियल को बहुत पवित्र माना जाता है, यह पूजा में उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है. हिन्दू धर्म के सभी शुभ कार्यों में नारियल का उपयोग किया जाता है. हमारे शास्त्रों में भी नारियल से सम्बंधित बहुत से उपाय दिए गए है, जो व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होते है. क्या कभी आपने गौर किया है? की सभी धार्मिक स्थलों पर या सभी धार्मिक शुभ कार्यो में नारियल का उपयोग किया जाता है, लेकिन सभी स्थानों पर इसे पुरुषों के द्वारा ही तोड़ा जाता है. कभी भी कोई स्त्री नारियल को नहीं तोड़ती, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? आइये जानते है.
शास्त्रों में नारियल को श्रीफल के नाम से जाना जाता है, इसके पीछे मान्यता है, की जब भगवान विष्णु अवतार धारण कर पृथ्वी पर आये थे. तब अपने साथ माता लक्ष्मी, कामधेनु गाय व नारियल का पेड़ लेकर आये थे. कहा जाता है, की माता लक्ष्मी का एक नाम श्री भी है, जो भगवान विष्णु की प्रिय है, जिसके कारण नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है, जो भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का फल है.
स्त्रियों के नारियल न फोड़ने के पीछे बुजुर्गों द्वारा यह तर्क दिया जाता है, की स्त्रियाँ एक बीज को अपने भीतर संजोकर बच्चे को जन्म देती है, इसी प्रकार नारियल भी एक बीज माना जाता है और जैसा की पहले बताया जा चुका है, की स्रियाँ बीज को संजोकर रखती है. इसी कारण से स्त्रियों का नारियल को फोड़ना वर्जित माना गया है.
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