किसी भी क्रिकेट टीम के लिए फिटनेस का मुद्दा अहम होता है और बात जब भारतीय क्रिकेट टीम की हो तो इस बात के मायने और बढ़ जाते है. आज का क्रिकेट पहले से काफी बदल चूका है और क्रिकेट के इस बदले हुए रूप में बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या फिर फील्डिंग, क्रिकेट के इन तीनों डिपार्टमेंट में फिट एंड फाइन रहना बेहद जरूरी है. यहीं कारण है कि टीम इंडिया के कंडीशनिंग कोच ने खिलाड़ियों के लिए फिटनेस टेस्ट को जरूरी बना दिया है. 'यो-यो टेस्ट' नामक इस परियोजना के तहत खिलाड़ियों को कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है.
क्या है यो यो टेस्ट?
कोन की मदद से 20 मीटर का गैप रखकर दो लाइन्स बनायीं जाती है. खिलाड़ी को इस लाइन के पीछे अपना पांव रखना पड़ता है और निर्देश मिलने पर ही दौड़ना होता है. खिलाड़ियों को लगातार दो रेखाओं के बीच दौड़ना होता है और बीप बजते ही उसे फ़ौरन मुड़ना पड़ता है. इस तरह हर मिनट खिलाड़ी को अपनी स्पीड बढ़ानी होती है. समय पर लाइन तक ना पहुंचने पर दो बीप और बजती है.
अगर कोई खिलाडी इन दो छोरों पर सही तेजी नहीं पकड़ पाता तो उसका परीक्षण रोक दिया जाता है. आपको बता दें कि, इस परीक्षण के तहत ही युवराज सिंह, सुरेश रैना और अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ियों को टीम से बाहर रहना पड़ा है.
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