बीते कई दिनों से COVID-19 के चलते कई कार्य रुके हुए थे. वही कोरोना काल के आराम के बाद पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में लगाया इंडियन मुक्केबाजी टीम का शिविर विवादों से भर गया है. प्रथम शिविर में मौजूद कुछ मुक्केबाजों पर आवश्यक क्वारंटाइन नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगा तो अब यह खबर सामने आई है, कि उस दल में मौजूद एक मुक्केबाज एनआइएस परिसर में अपनी लाइसेंसी पिस्टल लेकर गया था. इस मामले की जाँच जारी है.
एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक स्कीम (टॉप्स) के तहत आने वाले एक एलीट मुक्केबाज को ट्रेनिंग कराने के लिए एक और मुक्केबाज वहां गया हुआ था. उसके पास लाइसेंसी पिस्टल थी जिसकी जानकारी मिलने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के अधिकारी चौंक गए. परिसर में हथियार ले जाने की मंजूरी किसी को भी नहीं है.
वही भारतीय मुक्केबाजी संघ के सचिव जय कवली ने अपने बयान में कहा, कि यह शिविर साई ने लगाया है. दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात् फिलहाल हमारे संघ की मान्यता नहीं है. इस घटनाक्रम की किसी भी तरह की हमें कोई जानकारी नहीं है, परन्तु यदि ऐसा हुआ है तो गलत है. वहीं, टोक्यो ओलंपिक की तैयारी कर रहे मुक्केबाज ने माना, कि उनको ट्रेनिंग कराने के लिए जो सहयोगी वह लेकर गए थे उसके पास पिस्टल थी. हालांकि वह पिस्टल गाड़ी में ही रखी रही थी. अब जाँच द्वारा ही किसी तरह से कोई निर्णय हो पाएगा.
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