बरौनी : यदि कोई बच्चा अपने परिवार से और अपनी मां से बिछड़ जाए। परिवार उसे तलाशने का प्रयास करे लेकिन वह न मिले और फिर 7 साल बाद अचानक वही बेटा किराए से रहने के लिए लौटकर आए तो इसे आप क्या कहेंगे। कुछ भी कहें मगर मन ही मन ईश्वर का धन्यवाद जरूर देंगे। जी हां, दरअसल शबनम बेगम निवासी बरौनी बिहार का पुत्र करीब 7 वर्ष पूर्व उससे बिछड़ गया था। बीते करीब 7 वर्षों से शबनम अपने पुत्र राजू को तलाश रही थी मगर वह नहीं मिला।
वर्ष 2015 में शबनम की हिम्मत जवाब दे गई। उसने राजू को तलाशना बंद कर दिया। दरअसल उसका बेटा राजू एक मेले में गया था और फिर वापस नहीं आया। शबनम ने उसे बहुत तलाश किया मगर वह नहीं मिला। शबनम एक कंपनी में काम करने लगी और उसने अपने घर के कमरों में से एक किराए पर दे दिया। उसके यहां किराए से एक आॅटो चालक रहा करता था और मोहम्मद अरमान व उसकी पत्नी रोज़ी खतून को कमरा किराए पर दिया।
उनके यहां पर 4 वर्ष का लड़का काम करता था। शबनम को यह जानकारी थी कि वह बेगुसराय से आया है। 9 जनवरी को शबनम ने किशन को देखा ऐसे में उसे आश्चर्य हुआ, जो लड़का उनके यहां काम करता था वह तो उसका ही पुत्र था। ऐसे में वह प्रसन्न हो गई। पहले राजू शबनम को पहचान नहीं पाया मगर जब उसने उसे याद दिलवाया तो राजू को याद आया कि शबनम ही उसकी मां है। शबनम और राजू एक दूसरे को फिर से पाकर बेहद प्रसन्न हुए।
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