नई दिल्ली: केंद्र सरकार से करतारपुर कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद शिलान्यास कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित कई अन्य नेता पहुंचे हैं। लेकिन शिलान्यास से ठीक पहले इस पर विवाद शुरू हो चुका है। जानकारी के अनुसार बता दें कि ये विवाद तब शुरू हुआ जब पंजाब सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर एसएस रंधावा ने शिलान्यास पत्थर पर काला टेप चिपका दिया।
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वहीं बता दें कि सिख समुदाय लंबे समय से करतारपुर कॉरिडोर बनाए जाने की मांग कर रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान में ऐतिहासिक गुरुद्वारे को भारत के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर से जोड़ने को लेकर प्रस्ताव दिया गया था। इसके साथ ही शिलान्यास वाले पत्थर पर गढ़े हुए नामों के ऊपर काला टेप चिपकाने वाले रंधावा ने इसके पीछे का कारण भी बताया है। उन्होने बताया कि शिलान्यास पत्थर पर प्रकाश बादल और सुखबीर बादल का नाम कैसे हो सकता है।
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गौरतलब है कि इस विरोध को भांपते हुए उन्होने कहा कि इसी का विरोध करने के लिए मैंने उनके नामों पर काला टेप चिपका दिया था, क्योंकि यह बीजेपी-अकाली दल का इवेंट नहीं है। वहीं बता दें कि करतारपुर साहिब को लेकर सिख समुदाय में काफी मान्यता है, ऐसा माना जाता है कि सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निधन करतारपुर साहिब में ही हुआ था। वहीं उनकी याद में यहां पर गुरुद्वारा भी बनाया गया है।
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