आपने TV पर लकड़बग्घों को तो देखा होगा. दिखने में बदसूरत और बहुत खूंखार होते है. हमेशा ही चुपके से अपने शिकार पर वार कर देते है और उनका काम तमाम भी कर डालते है. उनको चालाक कहा जा रहा है. इंसान भी उनसे कुछ कम नहीं हैं! आप सोचेंगे कि हम लकड़बग्घों की तुलना इंसानों से किसलिए कर रहे है. दरअसल, अफ्रीका के एक प्रांत में इंसानों को लकड़बग्घा (Hyena Man of Malawi, Africa) ही कहा जाता है क्योंकि वो भी चुपके से महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बना रहे है. पर हैरानी इस बात की है कि महिलाओं के परिवारवालों को इन लकड़बग्घों के बारे में सब जानकारी होती है, और गंदे काम करने के लिए वो खुद उन्हें पैसे देते हैं.
बता दें कि अफ्रीका में एक देश है जिसका नाम है मालवी (Malawi Hyena men tradition). यहां माता-पिता अपने घर की युवतियों से गंदा काम करने के लिए अंजान मर्दों को पैसे प्रदान करता है. यही नहीं, जो औरतें नई-नई विधवा (Widow cleansing ritual) होती है, उनके साथ भी ऐसी हरकत करने के लिए इन मर्दों को पैसे प्रदान किए जाते है. ये एक प्रथा या यूं कहें कि अंधविश्वास (weird tradition around the world) के चलते होता है इसमें महिलाओं के आत्म सम्मान को ठेस तो पहुंचती ही है, साथ में उनको शारीरिक तकलीफों को भी झेलना पड़ जाता है.
बच्चियों का करते हैं रेप: इस देश में शारीरिक स्वच्छता की एक प्रथा है. जिसके अंतर्गत जब कोई लड़की यौवनावस्था में प्रवेश कर जाती है और उसके पहली बार पीरियड्स हो जाते है, तो उसे इन हायनाज़ से संबंध बनाना अनिवार्य हो जाता है. तभी उसे महिला माना जाता है और ऐसा करने के बाद ही वो पवित्र बोली जाती है. 11-12 साल तक की बच्चियों का शारीरिक शोषण होता है. इस प्रथा में निरोध का इस्तेमाल करना भी गलत मानते हैं. इसी का दूसरा रूप है विधवा की शारीरिक स्वच्छता.
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