संघर्ष एक ऐसा शब्द है जिसके बारें में आज हर कोई जानता है, जब भी किसी के काम के बारें में या किसी के बारें में बात की जाती है तो लोग सबसे पहले संघर्ष के बारें में ही बात करना पसंद करते है, ऐसा ही कुछ हाल बॉलीवुड या मनोरंजन इंडस्ट्री में काम करने वालों का भी है, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत में बहुत संघर्ष किया है. आज हम बात कर रहे है ऐसे ही एक मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी के बारें में. दरअसल रोहित शेट्टी ने संघर्ष के दिनों में उन्होंने क्या कुछ नहीं किया. लेकिन स्ट्रगल के पश्चात जब उनका सितारा चमका तो उन्होंने अपनी उंगलियों पर बड़े-बड़े सितारों को भी नाचा दिया है. वो पर्दे पर भले ही न आए हों, लेकिन एक्शन का बादशाह किसी को बोला जाए तो केवल रोहित शेट्टी का नाम ही सबसे पहले आता है. इसके साथ साथ रोहित शेट्टी मूवी इंडस्ट्री के गुड लुकिंग और चार्मिंग डायरेक्टर्स में से भी एक कहे जाते है.
आज का दौर ऐसा है कि जहां ऐसा कोई भी नहीं है जो रोहित शेट्टी को न जानता हो, रोहित अपने स्टंट्स और एक्शन के लिए भी चर्चाओं में बने रहते है. उनकी मूवी में हीरो का हेलीकॉप्टर से कूदना हो, चलती गाड़ी को गोल घुमा देना और एक के पश्चात एक गाड़ियों को पलट देना बहुत ही आम बात. लेकिन ऐसे सीन्स को वो इस अंदाज में फिल्माते हैं कि इसी के चलते दर्शक पर्दे पर सीटियां और तालियां बजाने लग जाते है. खबरों का कहना है कि रोहित शेट्टी ने परेशानियों से भरा हुआ दौर भी देखा है. एक समय ऐसा था जब वो स्पॉटबॉय का काम किया करते थे और तब्बू की साड़ियों प्रेस किया करते थे. तो चलिए जानते है इस बारें में खास बातें....
किस तरह शुरू हुआ था रोहित शेट्टी के परिवार में मुफलिसी का समय: यदि कोई जीरो से हीरो बनने का सपना भी देख रहे है तो उन्हें एक बाद रोहित शेट्टी के संघर्ष की कहानी जरूर जान लें, क्यों उनकी सफर लोगों की अच्छी प्रेरणा बन सकती है. रोहित शेट्टी मशहूर स्टंटमैन और मूवी में विलेन का रोल निभाने वाले MB शेट्टी के बेटे हैं. रोहित शेट्टी की मां का नाम रत्ना है, उन्होंने मूवीज में जूनियर आर्टिस्ट के रूप में काम किया है, रोहित शेट्टी उस वक्त मुंबई के सांताक्रूज क्षेत्र में रहते थे और वहीं पढ़ाई कर रहे है. रोहित जब महज 5 वर्ष के रहें तभी उनके पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया और यहीं से शुरू हुआ मुफलिसी का दौर भी रहा.
आखिर क्यों बिक गया रोहित शेट्टी का घर?: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रोहित शेट्टी के पिता उस समय परिवार के लिए कुछ भी नहीं करके गए थे और इसी कारण से उनकी मां को मूवी में जूनियर आर्टिस्ट का रोल प्ले करना पड़ है. घर की माली हालत इतनी बेकार हो गई थी कि उनका घर भी बिक गया था और रोहित को दहिसर में अपनी नानी के घर में रहना पड़ जाता है. अब दहिसर से सांताक्रूज का रास्ता तकरीबन डेढ़ घंटे का था, जिसके लिए उनको बहुत पैसे खर्च करने लग जाते है. क्लास 10 तक तो हालत इतनी खराब हो गई थी कि रोहित शेट्टी को पढ़ाई से अधिक कमाई की आवश्यकता पड़ गई थी.
तब्बू की साड़ियां भी की थी जब प्रेस: उस समय रोहित शेट्टी की बहन चंदा ने मनोरंजन इंडस्ट्री के जाने माने डायरेक्टर कुक्कू कोहली से भो रोहित के लिए बात की थी, इसके डेढ़ वर्ष के पश्चात कुक्कू कोहली ने रोहित को 35 रुपये रोजाना के खर्चे पर काम दे दिया था. उस समय कुक्कू कोहली अजय देवगन की पहली मूवी फूल और कांटे की शूटिंग पर काम कर रहे थे. तब रोहित शेट्टी वो 35 रुपये बचाने के लिए मलाड से अंधेरी के स्टूडियो तक पैदल जाया करते थे. एक इंटरव्यू के बीच रोहित शेट्टी ने खुद बताया था कि मूवी‘हकीकत’ की शूटिंग जे बीच उन्होंने तब्बू की साड़ियों को प्रेस करने का भी काम किया है. इतना ही नहीं वो काजोल के स्पॉटबॉय के तौर पर भी काम कर चुके है.