बॉलीवुड के सितारे अक्सर फैमिली इवेंट्स में बुलाए जाते हैं, और यह ट्रेंड खासकर बिजनेसमैन और रसूखदार लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गया है। इन इवेंट्स में फिल्मी सितारे कुछ देर के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए काफी मोटी फीस लेते हैं। ये इवेंट्स आमतौर पर शादी, बर्थडे पार्टी या किसी नए वेंचर के उद्घाटन जैसे होते हैं, मगर एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि लोग कभी-कभी अंतिम संस्कार के मौके पर भी बॉलीवुड सेलेब्रिटीज को बुलाने के लिए तैयार रहते हैं तथा इसके लिए अच्छी-खासी रकम खर्च करते हैं।
इस बारे में बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता चंकी पांडे ने एक दिलचस्प और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि एक बार एक परिवार ने उन्हें किसी अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए पैसे दिए थे। चंकी पांडे का यह खुलासा द ग्रेट इंडियन कपिल शो पर हुआ, जहां उन्होंने अपने करियर की शुरुआती दिनों की यादें साझा की। चंकी पांडे ने बताया कि जब वे बॉलीवुड में नए थे तथा अपनी एक पहचान बना रहे थे, तो उनके पास अतिरिक्त आय का एक ही तरीका था और वह था इवेंट्स में सम्मिलित होना। वह जिस भी इवेंट में बुलाए जाते थे, उसमें शिरकत कर लेते थे। इस के चलते उन्हें कभी भी यह अहसास नहीं हुआ कि वह किस तरह के इवेंट में शामिल हो रहे हैं। चंकी ने बताया, "मेरे पास हमेशा एक बैग तैयार रहता था, जिससे मैं किसी भी इवेंट के लिए तुरंत निकल सकता था। चाहे वह शादी हो, बर्थडे पार्टी हो या फिर मुंडन जैसे पारंपरिक इवेंट्स हों, मैं हर इवेंट में जाता था।"
चंकी पांडे ने बताया कि एक दिन सुबह उनके पास एक आयोजक का कॉल आया। आयोजक ने पूछा, "क्या कर रहे हो आज?" चंकी ने कहा कि वे शूटिंग के लिए जा रहे हैं। आयोजक ने पूछा, "शूट कहां है?" चंकी ने जवाब दिया, "फिल्म सिटी में।" फिर आयोजक ने कहा, "भाई, रास्ते में एक छोटा सा इवेंट है, केवल 10 मिनट के लिए आना, पैसे अच्छे हैं।" चंकी ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, "बिलकुल, मैं आ रहा हूं।" आयोजक ने चंकी को सफेद कपड़े पहनने के लिए कहा, तथा चंकी ने बिना कोई सवाल किए सफेद कपड़े पहनकर वेन्यू पर पहुंच गए। मगर जब चंकी वहां पहुंचे, तो उन्हें बहुत अजीब सा एहसास हुआ। वह देख रहे थे कि वहां पर कई लोग सफेद कपड़े पहने हुए खड़े थे और एक अजीब सी खामोशी थी। लोग धीरे-धीरे चंकी को घूर रहे थे और आपस में फुसफुसा रहे थे, "चंकी पांडे आ गए हैं।" चंकी को यह समझ में नहीं आया कि यह क्या हो रहा था।
वही जब चंकी अंदर गए, तो उन्होंने देखा कि एक डेड बॉडी रखी हुई थी और इस पल में उन्हें एहसास हुआ कि यह तो अंतिम संस्कार का आयोजन है। चंकी ने कहा, "मैं थोड़ा भोला था और मुझे लगा कि जैसे ही मैं यहां पहुंचा, आयोजक ही मर गए।" उन्होंने आयोजक को देखा और उसे एक कोने में बुलाया। आयोजक ने चंकी को तसल्ली देते हुए कहा, "सर, चिंता मत कीजिए, आपका पैकेट (पैसे) मेरे पास है, लेकिन परिवार ने कहा है कि अगर आप रोएंगे तो वे आपको ज्यादा पैसे देंगे।" चंकी पांडे ने जोर देकर कहा कि यह घटना सच में हुई थी। उन्हें यह अनुभव बहुत अजीब और चौंकाने वाला लगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया। चंकी ने कहा कि उस वक्त वे इतने नए थे कि उन्हें हर इवेंट में जाने का ही मौका मिलता था, लेकिन यह अनुभव उनके लिए अलग था।
चंकी पांडे का फिल्मी करियर
चंकी पांडे ने 1987 में फिल्म आग ही आग से बॉलीवुड में कदम रखा था। फिर उन्होंने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें तेजाब, आंखें, तिरछी टोपीवाले, दे दाना दन और हाउसफुल जैसी फिल्मों का नाम प्रमुख है। चंकी का करियर तो सफल रहा ही, मगर उनका यह किस्सा दर्शाता है कि बॉलीवुड के सितारे अपनी मेहनत एवं लोकप्रियता को किसी भी इवेंट में शिरकत करके कैसे बढ़ाते हैं, चाहे वह इवेंट कितना भी अजीब क्यों न हो।
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