चंडीगढ़: सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव के 554वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों के दर्शन के लिए एक 'सिख जत्था' शुक्रवार को नई दिल्ली से पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। 25 नवंबर से 04 दिसंबर, 2023 तक निर्धारित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा लगभग 3000 वीजा जारी किए गए थे। इस वर्ष, गुरु नानक जयंती 27 नवंबर, 2023 (सोमवार) को है, जो दिवाली के 15 दिनों बाद मनाई जाती है।
भारत में पाकिस्तान उच्चायोग ने कहा कि, यात्रा के दौरान, तीर्थयात्री, अन्य बातों के अलावा, डेरा साहिब, पंजा साहिब, ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब जाएंगे। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, प्रभारी डी'एफ़ेयर, श्री ऐज़ाज़ खान ने हार्दिक शुभकामनाएं दीं। साथ ही तीर्थयात्रियों और उनकी सुरक्षित यात्रा की कामना की। बता दें कि, यह उत्सव गुरु नानक देव की 554वीं जयंती का प्रतीक है, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। गुरु नानक देव का जन्म 1469 में वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के तलवंडी गाँव में हुआ था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है।
गुरु नानक देव ने सिख धर्म की नींव रखी, जिससे उन्हें पहले गुरु की उपाधि मिली थी। सिख समुदाय प्यार से गुरु नानक देव को नानक, बाबा नानक, नानक देव और नानक शाह सहित विभिन्न नामों से संबोधित करता है। इस अवसर को 'प्रकाश पर्व' के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन, सिख समुदाय गुरुद्वारों में जाते हैं, सेवा (निःस्वार्थ सेवा) में संलग्न होते हैं, और गुरु नानक के नाम पर लंगर (सामुदायिक रसोई) में भाग लेते हैं। गुरुद्वारों में कीर्तन (भक्ति गायन) किया जाता है और उस दिन को गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है। "इक ओंकार", एक शब्द जिसका अर्थ है 'ईश्वर एक है', गुरु नानक देव द्वारा प्रचारित किया गया था, जो सिख धर्म के मूल दर्शन - एक सार्वभौमिक ईश्वर में विश्वास - को दर्शाता है।
क्या फिर आ रही 'कोरोना' जैसी महामारी ? चीन में 'रहस्यमयी बीमारी' के बीच भारत ने शुरू की तैयारी
'ममता बनर्जी को दाऊद इब्राहिम जैसे गद्दार लोग पसंद हैं..', बंगाल सीएम पर क्यों भड़के निशिकांत दुबे ?