यदि आपके घर में आपका शौचालय और स्नान घर एक ही साथ बना है तो इससे आपको कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि वास्तु के अनुसार स्नान घर में चंद्रमा का वास होता है और शौचालय में राहु का वास होता है और यदि दोनों एक साथ होते है ये अशुभ माना जाता है क्योंकि राहु की नकारात्मक ऊर्जा चन्द्र की सकारात्मक ऊर्जा को ढक लेती है. इस प्रकार के घर मे और भी कई प्रकार के वास्तु दोष होते है आइए जानते है.
दूषित जल
यदि घर में स्नानघर और शौचालय एक साथ होते है तो घर का जल दूषित हो जाता है जिसका प्रभाव आपके सम्पूर्ण परिवार पर पड़ता है किन्तु इससे अधिक प्रभावित वह व्यक्ति होता है जो इसका उपयोग सबसे अधिक करता है.
दूषित जल का प्रभाव
इस घर के दूषित होने का प्रभाव सर्वप्रथम व्यक्ति के मन पर होता है जिसके कारण वह अपने किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर पाता है और उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है जिसके कारण उसके घर में तनाव का वातावरण निर्मित हो जाता है.
अमृत और विष
शास्त्रों में चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है अमृत और राहु विष की भाँती होता है ये दोनों एक दूसरे के विपरीत और घोर विरोधी होते है इसी वजह से भी यह बाथरूम आपके लिए अशुभ फल का स्रोत होता है.
इस दोष को दूर करने के उपाय
यदि आपके घर में भी ऐसा बाथरूम है तो इसके वास्तु दोष को कम करने के लिए इसके मुख्य द्वार पर एक नौ इंच की लाल चौड़ी बनवाएं. अपने स्नानघर के अन्दर फिटकरी का एक बड़ा सा टुकड़ा रखने से भी यह वास्तु दोष कम होता है. हमेशा अपने घर के बाथरूम व शौचालय के दरवाजे को बंद करके रखना चाहिए जिससे की उसके अन्दर की नकारात्मक ऊर्जा आपके सम्पूर्ण घर में न फैले. अपने घर के अटैच बाथरूम में पानी से भरी एक बाल्टी होना आवश्यक है यदि कोई खाली बाल्टी रखी है तो उसे उल्टा करके रखना चाहिए.
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